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स्वीडन में पवित्र कुरान को जलाना बहुत ही जघन्य कृत्य है: जमात-ए-इस्लामी हिंद

जमात-ए-इस्लामी हिंद ने स्वीडन में कुरान ए पाक जलाने की घटना का पुरजोर तरीके से विरोध किया हैं तथा आरोपियों को सख़्त से सख़्त सज़ा देने की मांग की हैं।

जमात-ए-इस्लामी हिंद के नायब अमीर प्रोफेसर मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने मीडिया में जारी अपने बयान में कहा है कि, यह एक नस्लवादी, भड़काऊ और घृणा वाला अपराध है, इस जघन्य कृत्य में शामिल व्यक्ति को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

प्रो सलीम का मानना ​​है कि सभी धार्मिक पुस्तकों और व्यक्तित्वों का सम्मान किया जाता है, उन्हें किसी भी तरह से अपमानित नहीं किया जाना चाहिए और न ही उन्हें बदनामी और अपमान का शिकार होना चाहिए।

धार्मिक पुस्तकों और व्यक्तित्वों का सम्मान सबके लिए अनिवार्य है, स्वीडन में जो कुछ भी हुआ वह दुखद और निंदनीय है, ऐसे कृत्य की निंदा करने में किसी को संकोच नहीं करना चाहिए, इस तरह के कृत्य विभिन्न धार्मिक इकाइयों में दरार पैदा करते हैं जिसे किसी भी सभ्य समाज द्वारा माफ नहीं किया जा सकता है।’

उन्होंने आगे कहा कि ”पवित्र कुरान से नफरत करने वालों को एक बार इस पवित्र पुस्तक को पढ़ना चाहिए और इसके संदेश को समझने की कोशिश करनी चाहिए।

कुरान एकमात्र धार्मिक पुस्तक है जो अंधभक्ति और पूर्वाग्रह से ऊपर उठकर तर्क और मानव स्वभाव की अपील करती है, यह तर्कसंगत और तार्किक शब्दों के साथ मनुष्य को आध्यात्मिक दुनिया के बारे में विश्वास दिलाता है।

हमें पवित्र पुस्तकों और व्यक्तित्वों का अपमान करने के प्रयासों को एकजुट होकर निंदा करनी चाहिए, स्वीडन में जो कुछ भी हुआ, वह नैतिक पतन और अन्य धर्मों के खिलाफ आक्रामकता का संकेत है, ऐसे अवसरों पर उकसावे से बचना चाहिए और कानून की सीमा के भीतर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध या निंदा करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि जमात-ए-इस्लामी हिंद मांग करती है कि भारत सरकार इस कृत्य की निंदा करे और भारत में स्वीडिश दूतावास को अपनी नाराजगी से अवगत कराए।

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