ऑल इंडिया मोमिन कॉन्फ़्रेन्स ने लोधी रोड स्थित इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में प्रेस वार्ता कर देश की सेकुलर पार्टियों से अंसारी बिरादरी के प्रतिनिधित्व हेतु लोकसभा चुनाव में टिकट की माँग की।
एडवोकेट फ़िरोज़ अहमद अंसारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मोमिन कॉन्फ़्रेन्स अंसारी बिरादरी की 100 वर्ष से अधिक पुरानी समाजिक संस्था है जिसने आज़ादी की लड़ाई में अहम किरदार निभाया और संख्या की अगर बात करें तो नॉर्थ इंडिया की किसी भी लोक सभा क्षेत्र में अंसारी वोटरों की संख्या एक लाख से भी कम नहीं है। लेकिन जब टिकट बँटवारे की बात आती है तो अंसारी बिरादरी को नज़र अंदाज़ किया जाता है । बहुत सी राजनीतिक पार्टियों की बदहाली की वजह भी यही है कि वह अंसारियों को उनकी संख्या के अनुसार प्रतिनिधित्व का अवसर नहीं देतीं। मुस्लिम संप्रदाय में सबसे बड़ी बिरादरी होने के नाते हमारी सेकुलर पार्टियों से माँग है कि अंसारी बरादरी को लोकसभा चुनाव में प्रतिनिधि का अवसर प्रदान करें।
कान्फ्रेंस के राष्ट्रीय कार्यकारणी अध्यक्ष व दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष हाजी मोहम्मद इमरान अंसारी ने जानकारी देते हुए बताया कि पूरी दिल्ली में 80 लाख मुस्लिम आबादी है जिसमें 50 प्रतिशत अंसारी बिरादरी के लोग हैं और उत्तर पूर्वी दिल्ली में अंसारी व ओ० बी० सी० को मिलाकर 90 प्रतिशत आबादी है जो हमेशा सेकुलर पार्टियों को सपोर्ट करते हैं। मैंने स्वयं कांग्रेस पार्टी से माँग की है कि वह उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से मुझे प्रत्याशी घोषित करे। क्योंकि क्षेत्रीय जनता मेरी कारगुजारियों से भली प्रकार परिचित है।मैं पिछले 20 वर्षों से क्षेत्र की जनता की सेवा कर रहा हूँ, वर्ष 2020 में हुए सांप्रदायिक दंगों के समय जब सभी राजनीतिक पार्टियां अपने दफ्तरों से बाहर निकली भी नहीं थीं उससे पहले मैंने अपनी टीम के साथ दंगा प्रभावित मोहल्लों में घर घर जाकर बिना किसी धार्मिक भेदभाव के जरूरतमंदों की मदद की।
इसके अलावा कोविड में भी मैं बुराड़ी, मलकागंज, संगम विहार, वज़ीराबाद, सोनिया विहार, खजूरी, करावल नगर, चाँद बाग़, मुस्तफाबाद, नूर-ए-इलाही, घोंडा, उस्मानपुर, कर्दमपुरी, जनता कॉलोनी, वेलकम जाफराबाद, शास्त्री पार्क, इलाकों में विशेष रूप से राशन, ऑक्सीजन सिलेंडर, हैल्थ सुविधाएँ मुहैया कराई।
हाजी अब्दुल रशीद अंसारी ने मोमिन कॉन्फ़्रेन्स के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मोमिन कॉन्फ़्रेन्स ने कांग्रेस और जमीयत उलेमा- ए-हिंद के साथ मिलकर आज़ादी की लड़ाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया तथा स्वतंत्रता सैनानी अब्दुल क़य्यूम अंसारी, जियाउर्रहमान अंसारी, हबीबुर्रहमान अंसारी हमारे बड़े नेता रहे हैं। हाजी अब्दुल रशीद ने आगे बताया कि आज़ादी के बाद हमारी संस्था पिछड़े वर्गों की समस्याओं से सरकारों को अवगत करती रही है।
मिश्रा कमिशन से दलित मुस्लिम और दलित ईसाइयों को एस० सी० वर्ग में शामिल करने की सिफ़ारिश सामने आईं लेकिन पिछली सरकार की तरह इस सरकार ने भी इसको अभी तक लागू नहीं किया।
हाजी अनवर अहमद अंसारी ने अपने ख़यालात का इज़हार करते हुए कहा कि आज़ादी के बाद मोमिन कॉन्फ़्रेन्स के नुमाइंदे लोकसभा व विधानसभा सदस्य होने के नाते देश की तरक़्क़ी में सहायक बनते थे लेकिन राजनीतिक पार्टियों के सौतेले व्यवहार के चलते मोमिन कॉन्फ़्रेंस को धीरे धीरे राजनीति से दूर कर दिया गया।
डॉक्टर मुश्ताक़ अंसारी ने कहा कि मोमिन कान्फ्रेंस यूँ तो हमेशा से सेकुलर पार्टियों को सपोर्ट करती रही है लेकिन कांग्रेस के साथ नज़दीकी रिश्ता रहा है इसलिए उत्तर पूर्वी दिल्ली से हम हाजी मौ० इमरान अंसारी के लिए कांग्रेस पार्टी से टिकट की माँग कर रहे हैं, इसके अलावा भी अलग अलग राज्यों में जहाँ भी हमारी संख्या है वहाँ हम टिकट की माँग कर रहे हैं।