मुस्लिम धर्मगुरु और स्वतंत्रता सेनानी मुफ्ती अब्दुल रज्जाक का बुधवार देर रात भोपाल में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे।
जानकारी के मुताबिक मुफ्ती अब्दुल रज्जाक लंबी बीमारी से जूझ रहे थे जिसके बाद उनकी निधन हो गई।
वह जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे और उन्हें सबसे ज्यादा इस्लामिक मामले के जानकर के तौर पर देखा जाता था।
वे हमेशा धार्मिक एकता को बनाए रखने के लिए लोगों को जागरूक करते थे तथा लोगों के बीच जाकर धार्मिक सद्भाव पैदा करने की कोशिश करते थे।
लोकप्रियता और उनके बड़ी संख्या में चाहने वालों को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने एहतियाती कदम उठाए हैं ताकि कोरोना कर्फ्यू के कारण उनके अंतिम संस्कार के दौरान बड़ी भीड़ से बचा जा सके।
इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुफ्ती अब्दुल रज्जाक के निधन पर दुख जताया है