उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान मुस्लिम महिला से सामूहिक बलात्कार के दोषियों को कोर्ट ने 20 साल की सज़ा सुनाई हैं।
मुजफ्फरनगर ज़िले की एक निचली अदालत ने 10 साल बाद दिए अपने फैसले में 3 आरोपियों कुलदीप पुत्र ओमकारा, महेश वीर पुत्र प्रकाश और सिकंदर पुत्र इकबाल में से 2 को आईपीसी की धारा 376(2)(G), 376 D और 506 के तहत दोषी माना है क्योंकि इनमें से कुलदीप की सुनवाई के 2 साल पहले ही मौत हो चुकी थी, कोर्ट ने दोनों दोषियों को 20-20 साल सज़ा और 15-15 हजार रूपए का जुर्माना लगाया है।
पीड़िता के वकील एडवोकेट रिजवान अहमद ने कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि, कोर्ट ने पीड़िता के बयान और सबूतों के आधार पर ये सजा सुनाई है, आरोपी कोर्ट में अपना पक्ष साबित नहीं कर पाए हैं।
आपको बता दें कि, मुजफ्फरनगर में 7 सितंबर 2013 को भड़के दंगों के दौरान पलायन करके सुरक्षित स्थान जा रही मुस्लिम महिला को हाथ में हथियार लिए कुलदीप, महेश और सिकंदर ने घेर लिया।
पीड़िता के मुताबिक़, मैं उन आरोपियों को जानती थीं वो लोग जबरन मुझे अपने साथ ले गए और उन लोगों ने मेरे बेटे की गर्दन पर चाकू रखकर उसके सामने बारी-बारी से मेरे साथ संबंध बनाए, जिसके बाद वो लोग मुझे छोड़कर फरार हो गए।