उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों के मामले में कोर्ट में पेश नहीं होने पर मंत्री कपिल देव सहित कई भाजपा नेताओं के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी हो गए।
जिसके बाद कई भाजपा नेताओं और अन्य लोगों ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है।
डासना देवी मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद जो अपने घृणित और अपमानजनक बयानों के लिए जाने जाते हैं, वह भी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे इसलिए उनके खिलाफ भी एक और वारंट जारी किया गया। कोर्ट ने आदेश दिया कि अगली तारीख पर सभी आरोपी मौजूद रहें।
अभियोजन अधिकारी नीरज सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया कि, उत्तर प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, विहिप नेता साध्वी प्राची, उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री सुरेश राणा, पूर्व भाजपा सांसद भारतेंदु सिंह, भाजपा विधायक उमेश मलिक और समेत बीस लोग शामिल हैं तथा अशोक कंसल और यति नरसिंहानंद पर मुकदमा चलाया जा रहा है।
द आब्जर्वर पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक़, आरोपियों पर धारा 188 के तहत मुकदमा चलाया गया है, जो किसी लोक सेवक द्वारा विधिवत् रूप से जारी आदेश की अवज्ञा से संबंधित है।
इसके अलावा धारा 353, जो किसी लोक सेवक को उसके कर्तव्यों का पालन करने से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करने से संबंधित है, धारा 341 जो अवैध अवरोध के लिए दंड से संबंधित है, और धारा 153 ए जो धर्म, जाति, जन्म स्थान आदि के आधार पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने वाले कृत्यों को दंडित करती है।