युवाओं की बेरोजगारी पर NFYM ने ज़ारी की रिपोर्ट, बोले- शिक्षित युवाओं में बेरोजगारी बढ़ रही है
नेशनल फेडरेशन ऑफ यूथ मूवमेंट (NFYM) की ताज़ा ड्राफ्ट रिपोर्ट “बियॉन्ड नंबर्स: अनवीलिंग इंडिया’ज़ यूथ अनएम्प्लॉयमेंट क्राइसिस” ने भारत में युवाओं की बेरोजगारी की गंभीर तस्वीर पेश की है।
रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल-जून 2025 में देश में युवाओं (15-29 वर्ष) की बेरोजगारी दर 14.6% रही, जो राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। हिमाचल प्रदेश (29.6%) और केरल (25.7%) जैसे राज्य बेरोजगारी में सबसे आगे हैं, खासकर शिक्षित युवाओं में।
महिलाओं की स्थिति और चिंताजनक है—शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 23.7% तक पहुँच गई है। वहीं, शिक्षित युवाओं में बेरोजगारी दर 18.4% से 28.4% तक है। स्नातक युवतियों में यह दर 34.8% तक पहुँच गई है।
रिपोर्ट ने बेरोजगारी को मानसिक स्वास्थ्य संकट से भी जोड़ा है। एनसीआरबी के अनुसार, 2022 में बेरोजगारी के कारण 7,034 आत्महत्याएँ दर्ज हुईं, जिनमें अधिकांश 35 वर्ष से कम आयु के थे।
रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशें
- कौशल प्रशिक्षण में सुधार – उद्योग आधारित स्किल ट्रेनिंग और अनिवार्य इंटर्नशिप।
- महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना – सुरक्षित परिवहन, चाइल्डकेयर सब्सिडी और महिला उद्यमिता को प्रोत्साहन।
- असंगठित क्षेत्र का औपचारिककरण – ई-श्रम पंजीकरण, बीमा और पेंशन की सुविधा।
- राज्य-विशेष रणनीतियाँ – उच्च बेरोजगारी वाले राज्यों में पर्यटन और कृषि-प्रसंस्करण क्षेत्र में रोजगार बढ़ाना।
- मानसिक स्वास्थ्य सहयोग – स्किल सेंटरों और कॉलेजों में काउंसलिंग सेवाएँ उपलब्ध कराना।
रिपोर्ट ने सरकार से चेतावनी दी है कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो भारत की जनसांख्यिकीय बढ़त (demographic dividend) संकट में पड़ सकती है और युवा पीढ़ी हताशा व निराशा के दायरे में फँस सकती है।