दुनिया में जब भी “सबसे अच्छे इंसान” का सवाल उठता है, तो अलग-अलग धर्म, समाज और इतिहासकारों की राय अलग-अलग हो सकती है। लेकिन एक नाम ऐसा है, जिस पर दुनिया भर में सबसे अधिक सहमति दिखाई देती है – हज़रत मुहम्मद ﷺ।
इतिहासकारों और शोधकर्ताओं का मानना है कि पैग़म्बर-ए-इस्लाम हज़रत मुहम्मद ﷺ ने इंसानियत, बराबरी, रहम और न्याय का जो संदेश दिया, उसने न केवल अरब की समाज व्यवस्था बदली बल्कि पूरी दुनिया को इंसानियत की राह दिखाई। यही वजह है कि उन्हें “सबसे अच्छा इंसान” कहा जाता है।
मुहम्मद ﷺ का जीवन दूसरों की भलाई, अनाथों और गरीबों की मदद, और अत्याचार के खिलाफ न्याय की लड़ाई से भरा हुआ था। उन्होंने जाति, धर्म और नस्ल से ऊपर उठकर इंसाफ़ और इंसानियत को प्राथमिकता दी।
इतिहास में और भी कई महान हस्तियों को इंसानियत की सेवा के लिए याद किया जाता है – जैसे महात्मा गांधी, जिन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह का संदेश दिया; मदर टेरेसा, जिन्होंने गरीबों और बीमारों की सेवा को अपना जीवन बनाया; नेल्सन मंडेला, जिन्होंने रंगभेद के खिलाफ आजीवन संघर्ष किया; और अब्दुल सत्तार ईधी, जिन्होंने पाकिस्तान में लाखों बेसहारा लोगों की सेवा की।
लेकिन जब बात आती है “सबसे अच्छे इंसान” की आती है, तो मुसलमानों के साथ-साथ कई गैर-मुस्लिम लेखक और विद्वान भी यह स्वीकार करते हैं कि हज़रत मुहम्मद ﷺ का जीवन और शिक्षा दुनिया में इंसानियत की सबसे ऊँची मिसाल है।
यही वजह है कि आज भी अरब से लेकर भारत और यूरोप तक, और अफ्रीका से लेकर अमेरिका तक, उनकी शिक्षाओं को मानवता की बेहतरीन राह माना जाता है।