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शेमलेस पीएम कहने पर इंडिया टुडे ग्रुप ने पत्रकार को निकाला,लोकतंत्र का चौथा स्तंभ ग़ुलामी का हुआ शिकार?

मीडिया को देश का चौथा पिलर माना गया है वह देश के लोकतंत्र को संभाले हुए है लेकिन क्या चौथा पिलर भी टुकड़ों में बंट गया है ये देखने के लिए आपको नरेंद्र मोदी के 7 वर्षीय कार्यकाल में झांकना होगा कि लोकतंत्र के पिलर को कैसे काटने की कोशिश की गई और उस पिलर की गिराने दबाने की कोशिश में सरकार के साथ कुछ मीडिया चैनल भी सम्मिलित हो गये।

आज तक के पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने ट्वीट किया था कि “यहाँ ट्विटर पर कुछ लिखता हूँ तो कुछ लोग मेरी कंपनी को टैग करने लगते हैं. कहते हैं इसे हटाओ, इसे हटाते क्यों नहीं… मैं अगला ट्वीट और अधिक दम लगाकर लिखता हूँ. पर इसे लिखने से पीछे नहीं हटूँगा कि Modi is a shameless Prime Minister”

बस इतना लिखना था कि आज तक चैनल ने श्याम मीरा द्वारा ईमानदारी से की जा रही पत्रकारिता को दरकिनार करते हुए बर्खास्त कर दिया,श्याम तो बर्खास्त हो गये लेकिन उनकी पत्रकारिता ने दंभ भरा और ईमानदारी साबित कर गये।

बर्खास्त होने के बाद श्याम मीरा सिंह ने क्या बोले?

बर्खास्त होने के बाद श्याम मीरा सिंह ने कहा कि “लोग अपनी डिग्री, शोध पत्र उनके आदर्शों को समर्पित करते हैं। मेरे पास अपनी कंपनी इंडिया टुडे का एक टर्मिनेशन लेटर दिखाने के अलावा कुछ नहीं है, इसलिए मैं अपना टर्मिनेशन लेटर अपने प्यारे दोस्त दानिश सिद्दीकी को समर्पित करना चाहता हूं, जो अफगानिस्तान में शहीद हुए थे,मैंने उन बुजुर्गों की बात कही जिन्होंने अपने जवान बेटों को खोया. जिन्होंने अपनी माओं को खोया. उनपर ट्विटर नहीं है. मैं गाँव से शहर आया, यहाँ के विश्वविद्यालयों में पढ़ा. मेरी ज़िम्मेदारी बनती है कि निर्दोष मासूमों की जान लेने वाले ‘सिस्टम’ के शीर्ष पर बैठे आदमी को “बेशर्म” कहूँ,मेरी मकान मालकिन जो सामान्यतः भाजपा समर्थक थीं, उन्होंने कोविड में अपने भाई को खो दिया. उन्हें पता चला कि PM मोदी को Shameless कहने के कारण मुझे आजतक चैनल से निकाल दिया गया है. इस पर उन्होंने मेरे दोस्त से कहा “सही कहा श्याम ने…. मोदी Shameless है,

श्याम मीरा की बर्खास्तगी पर वरिष्ठ पत्रकार राना अय्युब ने कहा कि ” इंडिया टुडे #MeToo के आरोपों पर एक पत्रकार को नहीं निकालता है, यह अभद्र भाषा पर पत्रकारों को आग नहीं लगाता है, लेकिन एक पत्रकार को नरेंद्र मोदी के खिलाफ दो ट्वीट करने के लिए निकाल देता है,

फ्रीलांस पत्रकार गुरप्रीत वालिया बोले कि “पत्रकार अपनी निजी राय ट्विटर या किसी सोशल मीडिया पर नही रख सकते,सिर्फ़ चैनल का कांटेंट शेयर करेंगे,तक़रीबन हर चैनल की हिदायत है पत्रकारो को,ये हिदायत किसके कहने पर है आप सब जानते है।

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र नेता मशकूर उस्मानी ने कहा कि “18 अप्रैल 2018 को पीएमओ ने अपने ट्विटर पर लिखा, “मैं चाहता हूं कि इस सरकार की आलोचना हो, आलोचना लोकतंत्र को मजबूत बनाती है”। वह जो बताना भूल गए, वह यह था कि आलोचना आपको बेरोजगार कर देगी, पूरी निष्पक्षता में उन्हें पूरा डिस्क्लेमर लगाना चाहिए था

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