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RSS के मोहन भागवत ने कहा आज़ादी की लड़ाई में हमने सबसे ज्यादा गोलियां खाई, पत्रकार बोले- हाजमोला की गोलियां खाकर आज़ादी की लड़ाई नही लड़ी जाती

2014 के बाद से जंग ए आज़ादी को लेकर तरह-तरह के भ्रम फैलाए जा रहें हैं जिनका आज़ादी की लड़ाई से दूर-दूर तक भी नाता नहीं था आज वह भी अपनें आपको स्वतंत्रता सेनानी का खिताब दे रहें हैं।

पूरा देश जानता हैं कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) का आज़ादी की लड़ाई में बिलकुल भी योगदान नहीं था बल्कि ऐसे बहुत से प्रमाण मिलते है जहां यह लोग अंग्रेजो का साथ दे रहें थे।

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार आने के बाद से लगातार इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा हैं तथा आरएसएस को आज़ादी की लड़ाई में अहम योगदान देने वाले संगठनों में शामिल किया जा रहा हैं।

इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का कहना हैं कि “आज़ादी की लड़ाई में आरएसएस के लोगों ने सबसे ज्यादा गोलियां खाई थी।”

जिसको लेकर काफ़ी विवाद हो रहा हैं मोहन भागवत के इस बयान की पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट काफ़ी आलोचना कर रहें हैं।

पत्रकार श्याम मीरा सिंह ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को करारा जवाब देते हुए कहा कि “अरे मोहन भागवत जी “सतमोला और हाजमोला” की गोलियाँ खाकर आज़ादी की लड़ाई नहीं लड़ी जाती. बैठ जाइए, बैठ जाइए. पानी पीजिए।”

आपको बता दें कि आरएसएस और उससे संबंधित लोग आजादी की लड़ाई में अग्रेजों का साथ देने के साथ-साथ उनसे माफ़ी भी मांग रहें थे।

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