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सोहना: जमीअत उलमा-ए-हिंद ने कराई दंगा प्रभावित जामा मस्जिद की मरम्मत, जुमा की नमाज के बाद हुआ उद्घाटन

मेवात दंगे में जामा मस्जिद लक्कड़ शाह उर्फ दर्जी वाली नेहरू बाजार सोहना पर साम्प्रदायिक तत्वों के जरिए हमला किया गया था. उसके दरवाजे, बक्से, पंखे, मोटर, लाइटिंग, दीवार की प्लास्टर आदि को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया था।

इसके साथ ही मस्जिद का अपमान किया गया और आगजनी भी की गई थी। अल्लाह का शुक्र है कि जमीअत उलमा-ए-हिंद के प्रयायों से इस मस्जिद की मरम्मत का कार्य पूरा हो गया है. आज जुमे की नमाज के बाद दुआ करके इस मस्जिद का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया गया।

इस अवसर पर अपने खुत्बे (संबोधन) में मस्जिद के इमाम मौलाना ताहिर हुसैनी ने जमीअत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी और महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी को धन्यवाद दिया और कहा कि जमीअत उलमा की प्रेरणा और सहयोग से हमारा आत्मविश्वास दोगुना बढ़ गया है, अन्यथा इस मस्जिद और इसके आसपास कई दिनों तक वीरानी और निराशा छाई रही।

सबसे पहले जमीअत की टीम यहां पहुंची और उसने तत्काल पुनर्निर्माण का कार्य शुरू करवाया। ज्ञात हो कि जमीअत उलमा-ए-हिंद मेवात में दंगा प्रभावित दस मस्जिदों के निर्माण और मरम्मत की जिम्मेदारी निभा रही है।

इसके साथ ही इसने पुनर्वास और गिरफ्तार किए गए निर्दोष लोगों की कानूनी सहायता भी शुरू कर दी है। इसके अलावा जमीअत लगातार इस क्षेत्र में विभिन्न कमेटियों के माध्यम से आरंभ से ही काम कर रही है और जरूरतमंदों को राशन उपलब्ध करा रही है।

आज इस मस्जिद के उद्घाटन अवसर पर जमीअत उलमा-ए-हिंद के जनरल सेक्रेट्री मौलाना हकीमुद्दीन क़ासमी, सीनियर आर्गेनाइजर मौलाना गय्यूर अहमद क़ासमी, आर्गेनाइजर मौलाना मोअज्जम आरफी, अमन फेलोशिप से मौलाना अज़हर, मौलाना यामीन और मौलाना साद उपस्थित रहे। जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव ने अपने संबोधन में कहा कि मुझे खुशी है कि अल्लाह तआला की मर्जी से यह मस्जिद आबाद हो गई है।

उन्होंने कहा कि यह अल्लाह की बड़ी कृपा है कि उसने हमें ईमान दिया, अगर वह इससे हमें वंचित कर दे तो हम किसी योग्य नहीं रहेंगे। इसलिए हमें हर हाल में उसका शुक्रिया अदा करना चाहिए और सभी के साथ भलाई का मामला करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जिन्होंने अत्याचार किया है, वह भी हमारे देश के भाई हैं। उनके मार्गदर्शन के लिए भी दुआ करें और किसी के साथ भी धर्म के आधार पर दुश्मनी को बिल्कुल भी बढ़ावा नहीं देना है। यह देश हमेशा से आपसी सहिष्णुता का उदाहरण रहा है. जो लोग ऐसा कृत्य कर रहे हैं, वह असल में इस देश के आदर्श चरित्र को बदलने की साजिश कर रहे हैं।

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