कोरोना के चलते रोज़ हज़ारों लोग अपनी जान गवां रहे हैं। किसी को ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है, तो कोई दवाई के लिए दर दर की ठोकरें खा रहा है। अपनों के जान की खातिर लोग पुलिस प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं लेकिन किसी के कान में जूं तक नहीं रेंगती।
ऐसी ही एक दर्दनाक घटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में हुई है। एक माँ अपने बेटे को बचाने के लिए दर दर भटकती रही। लेकिन कहीं से उसे कोई मदद नहीं मिली। आखिरकार अपने बेटे को अपने कदमों में तड़प तड़प कर मरता देखती रही। सोचिए उस माँ के दिल पर क्या गुज़र रही होगी। इसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
जौनपुर ज़िले के मड़ियाहूं निवासी विनीत सिंह मुंबई में काम करता था। तबियत बिगड़ने के कारण वो घर आगया। घर वालों ने उसे जौनपुर के ही एक डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने उसे किडनी की समस्या बताई।
डॉक्टर के कहने पर घर वालों ने विनीत सिंह को आगे की इलाज के लिए बनारस ले आये। दिसम्बर से पांच बार लाइन में लगने के बाद भी बीएचयू के किसी डॉक्टर ने उसे नहीं देखा।
सोमवार को तबियत ज़्यादा खराब होने पर उसकी माँ चंद्रकला सिंह उसे बीएचयू लेकर आई जहां कोरोना के कारण डॉक्टरों ने उसे देखने से मना कर दिया। उसकी माँ उसे एक प्राइवेट अस्पताल भी लेकर गयी। वहां भी डॉक्टरों ने उसे नहीं देखा। उसके बाद विनीत सिंह अपनी माँ के कदमों में ही तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। एक मजबूर माँ अपने बेटे को मरता देखती रही।
इस खबर के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों ने जमकर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की। कई बड़े नेताओं ने इस खबर को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछे।
AIMIM के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैय्यद आसिम वक़ार ने ट्वीट करते हुए इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधा सवाल किया है कि उत्तर प्रदेश के बनारस में लोगों को न एम्बुलेंस नसीब है न इलाज, ज़िम्मेदारी किसकी है? जवाब कौन देगा? गिरेबान किसका पकड़ना है? सवाल किससे पूछा जाए? पाकिस्तान से, इमरान खान से, रोहिंग्या मुसलमान से, बांग्लादेशी घुसपैठियों से बाबर से या फिर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से?
उत्तर प्रदेश बनारस में लोगो को ना एम्बुलेंस नसीब है ना ही इलाज,
ज़िम्मेदारी किसकी है ?
जवाब कौन देगा ?
गिरेबान किसका पकड़ना है ?
सवाल किस्से पूछा जाये?#पकिस्तान से,#इमरान_खान से,
रोहंगिया मुस्लमान से,
बांग्लादेशी घुसपैठियों से, बाबर से,
या
मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से? pic.twitter.com/G6jF9DF7Bn— syed asim waqar (@syedasimwaqar) April 20, 2021