मध्य प्रदेश के भोपाल में आयोजित तब्लीगी जमात के इज्तेमा में शामिल होकर लौट रहें मुस्लिम युवक की पुलीस हिरासत में मौत की चारों तरफ़ आलोचना हो रहीं हैं।
खबरों के मुताबिक, इसराइल खान 21 नवंबर की शाम को इज्तेमा में शामिल होकर ऑटो से गुना लौट रहा था तभी बीच रास्ते में कुसमौदा पुलिस चौकी के पास से कुछ पुलिसवालों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के कुछ देर बाद पुलीस की तरफ़ से इसराइल के घर पर फ़ोन जाता हैं कि आपके लड़के की तबियत ख़राब हैं इसलिए उसको अस्पताल ले जाया जा रहा हैं।
सूचना मिलने पर परिवार वाले जैसे ही अस्पताल पहुंचे तब तक डॉक्टर उसको मृत घोषित कर चुके थे।
पुलिस का कहना हैं कि, इसराइल खान के खिलाफ 19 नवंबर को मारपीट के एक मामले में केस दर्ज हुआ था. इसी सिलसिले में पूछताछ के लिए उसे पकड़ा गया था।
जबकि इसराइल के घरवालों का कहना है कि जब मारपीट की ये घटनाएं हुईं, तो इसराइल भोपाल के इज्तेमा में था. इसराइल के पिता ने कहा कि वो 21 नवंबर को ही लौटा था।
परिजनों का आरोप हैं कि इसराइल की मौत पुलिस हिरासत में हुई हैं, उसके शरीर पर जख्म के निशान थे।
मृतक इसराइल के चाचा का आरोप हैं कि, प्रभारी विनोद छावरी ने हमसे पैसे मांगे थे. 30 हजार रुपये उसे 20 नवंबर को दे दिए थे. इसराइल के पिता पैसे थाने पर देकर आए. एक लाख की मांग थी. 70 हजार की फिर व्यवस्था करी थी. पैसे लेकर हम जैसे ही थाने पहुंचे इससे पहले उन्होंने इसराइल को मार दिया।
पुलिस का कहना है कि पूछताछ के दौरान इसराइल की तबीयत बिगड़ गई और वो बेहोश हो गया. पुलिसवाले उसे जिला अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
एएसपी विनोद सिंह चौहान का कहना है कि, इस मामले में चार पुलिस कॉन्स्टेबल को लाइन हाजिर किया गया है. जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दें कि, पुलिस हिरासत में मौत के मामले में मध्य प्रदेश तीसरे नंबर पर है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-22 में मध्य प्रदेश में 201 लोगों की पुलीस हिरासत में मौत हुई हैं।