देश की राजधानी दिल्ली के स्वरूप विहार इलाके में सरफराज़ नामक मुस्लिम नौजवान की कथित मॉब लीनचिंग में हुई मौत के बाद आज जमीअत उल्मा ए हिन्द के कई उलेमाओं ने उसके घर जाकर परिजनों से मुलाकात की।
दरअसल 22 साला नौजवान सरफराज़ की मौत के बाद उनके घर पर अब कमाने वाला कोई नहीं है। सरफराज़ के पिता भी इस दुनिया में नहीं हैं। सरफराज़ अपने घर पर एकलौता कमाने वाला था। सरफराज़ के 2 छोटे छोटे बच्चे भी हैं।
उसका परिवार भारी आर्थिक तंगी से गुज़र रहा है। इसलिए सरफराज़ की माँ ने जमीअत उल्मा ए हिन्द के सदर मौलाना महमूद मदनी के नाम चिट्ठी लिखकर आर्थिक मदद की गुहार लगाई थी। मौलाना महमूद मदनजी ने इसपर तुरंत हरकत में आगये और उन्हें फौरन एक टीम को सरफराज़ के घर भेजा और उसकी माँ की हर संभव मदद करने का भरोसा भी दिया।
इस टीम में जमीअत के जनरल सिकरेट्री मौलाना हकीमुद्दीन कासमी, दिल्ली जमीअत के पूर्व सदर मौलाना कारी अब्दुलसमाई, मौलाना ज़ियाउल्लाह कासमी, अज़ीमुल्लाह सिद्दीकी और मौलाना रहमतुल्लाह बवाना शामिल थे।
जमीअत उल्मा ए हिन्द के जनरल सेक्रेटरी मौलाना हकीमुद्दीन कासमी ने सरफराज़ के परिवार की हर सम्भव मदद करने का भरोसा दिलाया। साथ ही उन्होंने दिल्ली के जमीअत के पूर्व सदर कारी अब्दुलसमाई साहब और मौलना ज़ियाउल्लाह कासमी साहब से परिवार के समपर्क में रहने को कहा है। उन्होंने परिवार से कहा कि उन्हें चाहे कानूनी मदद की ज़रूरत हो या फिर आर्थिक जमीअत हर तरह से परिवार की मदद करने के लिए तैयार है।
Jamiat delegation on directive of its President Ml Mahmood Madani, met with a widow family whose only bread earner 20-yr-old son was beaten to death by communal elements in Delhi’s Swaroop Vihar. JUH assured them all help & will intervene if required in getting justice to family pic.twitter.com/GolursX4NM
— Jamiat Ulama-i-Hind (@JamiatUlama_in) June 7, 2021
आपको बता दें कि दिल्ली के स्वरूप विहार इलाके के जहाँगीरपूरी में सरफराज़ अपने परिवार के साथ रहता था। 23 मई की रात को 9 बजे सरफराज़ किसी दोस्त के कहने पर बाहर निकला और फिर देर रात तक वापिस नहीं आया। 24 मई की सुबह को आगे की गली से उसकी लाश मिली। सरफराज़ को उसके ही मुहल्ले के कुछ कट्टरपंथी लोगों ने पीट पीटकर मार डाला था।
स्वरूप नगर पुलिस ने इस मामले में कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। पुलिस अब तक इस गुत्थी को सुलझाने में नाकाम है कि सरफराज़ को मारने में कितने लोग शामिल थे और किस तरह से उसकी हत्या की गई।
शौहर के गुज़र जाने के बाद सरफराज़ की माँ के लिए वही एक आखरी सहारा था और कुछ कट्टरपंथी लोगों ने उसकी भी जान ले ली। उसकी मायूस माँ रोते हुए कहती हैं “मेरे बच्चे को शैतान ने मार दिया। शौहर के गुज़र जाने के बाद वही मेरा एक सहारा था। अब खुदा के इलावा मेरा कोई नहीं है।”