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यूपी सरकार ने झूठे आँकड़े देते हुए संभल में धर्मांतरण व भय से हिंदुओं के पलायन की थ्योरी स्थापित करने का प्रयास किया है: जावेद अली खान

1951 की जनगणना के अनुसार संभल नगरीय क्षेत्र की जनसंख्या 61568 थी जिसमें मुस्लिमों की संख्या 43667 लगभग 71% तथा हिन्दुओं की संख्या 17901 लगभग 29% थी।

2011 की जनगणना के अनुसार सम्भल नगरीय क्षेत्र की जनसंख्या 220813 थी जिसमें मुस्लिमों की संख्या 171514 लगभग 78% तथा हिन्दुओं की संख्या 48581 लगभग 22% थी।

1951 व 2011 की जनगणना के समय सम्भल जनपद मुरादाबाद का हिस्सा था। 2021 की जनगणना कोरोना के कारण सम्पन्न नहीं हो सकी जो अब 2027 में प्रस्तावित है लिहाज़ा 2028 के अन्त तक नवीनतम आँकड़े उपलब्ध होंगे।

1951 से 2011 तक मुस्लिम आबादी में 7% की वृद्धि दिखाई देती है जिसका मुख्य कारण आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से रोज़गार और बेहतर शिक्षा की चाहत मुसलमानों को सम्भल शहर की ओर खींच लाई है और उससे भी अधिक 1986 मे नगरपालिका क्षेत्र का परिसीमन जिसके द्वारा नगर के आसपास के कुछ गाँवों को नगरपालिका क्षेत्र में शामिल किया गया था. मतलब यह कि अनुपात वहीं के वहीं है।

आज उत्तर प्रदेश की सरकार ने झूठे आँकड़े देते हुए सम्भल में हिंदुओं की संख्या को 30% तक घटा हुआ बता कर धर्मांतरण व भय से पलायन की थ्योरी स्थापित करने का प्रयास किया है।

जिससे पूरे प्रदेश में एक बार फिर हिन्दू-मुस्लिम ध्रुवीकरण का अभियान ज़ोर शोर से चलाया जा सके। गोदी मीडिया दोपहर से ही सरकारी मंसूबे को सींचने में लगा है।

सम्भल की वास्तविकता 1951 व 2011 की जनगणना के आँकड़े देख कर ही समझें. सम्भल में हर चुनाव में लगातार भाजपा की हार का अन्तर बढने से सरकार तो सम्भल के प्रति द्वेष भावना रखती ही है।

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