उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने मंगलवार को यूपी टाउनशिप नीति-2023 को पेश किया हैं जिसके तहत शहरों में लोगों की आवासीय जरूरतों को पूरा करने के लिए कई नियमों में संशोधन भी किए हैं।
नई टाउनशिप नीति के तहत अब दलित समुदाय और अनुसूचित जनजाति के लोगों की जमीन लेने के लिए ज़िला अधिकारी (DM) की अनुमति नहीं लेनी होगी।
योगी सरकार के इस फैसले के बाद से उत्तर प्रदेश में रहने वाले एससी/एसटी समुदाय के लोग परेशान हैं. भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आज़ाद ने भी इस फैसले का विरोध किया हैं।
चंद्रशेखर आज़ाद का कहना हैं कि, हमारे पुरखों ने धरती का सीना चीरकर जमीनों को उपजाऊ बनाया लेकिन राजाओं, सामंतों ने छल-बल से इनको हड़प लिया. बाबा साहब ने आजादी के आंदोलन में जमीनों को वापस लेने का आंदोलन किया।
देश की स्वतंत्र सरकार ने जमींदारी उन्मूलन करके दलितों, वंचितों के साथ न्याय करने का वादा किया था. इसीलिए कांशीराम साहब ने कहा “जो जमीन सरकारी है, वो जमीन हमारी हैं”।
लेकिन योगी सरकार का नया हुक्मनामा दलितों, आदिवासियों की खून पसीने से सींची गई जमीनों को शोषक सामंतों के हवाले करने की साजिश है. इसे हम नहीं होने देंगे, अपने पुरखों की जमीन हम लेकर रहेंगे, जमीन की लड़ाई जमीन पर लड़ेंगे।