उत्तर प्रदेश के 21 हज़ार 546 मदरसा शिक्षक पिछले 72 महीनों से तनख्वाह मिलने का इंतज़ार कर रहें हैं, तनख्वाह के नाम पर इनको मात्र 3 हज़ार रुपए महीना मिल रहा हैं, जबकि असल में इनकी तनख्वाह 15 हज़ार रुपए महीना हैं।
तनख्वाह नहीं मिलने से परेशान शिक्षक लखनऊ के ईको गार्डेन में धरने पर बैठ गए हैं, इनका कहना हैं कि, अपनी परेशानी को लेकर हम केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों से कई बार मिल चुके हैं लेकिन हर बार सिर्फ़ आश्वासन ही मिला हैं।
दैनिक भास्कर से बात करते हुए मदरसा यूनियन की एकता टीम के सलाहकार मेराज अंसारी ने बताया कि, हमारी मांग केंद्र और राज्य सरकार के बीच फुटबाल बन गईं हैं केंद्र सरकार कहती है कि यूपी से डिमांड नहीं आई है और राज्य सरकार कहती है कि वहां से डिमांड नहीं आई है।
हमें इस वक्त मात्र 3 हजार रुपए मिलते हैं, सरकार पर एक एक शिक्षक का 9 लाख रुपए से ज्यादा बकाया है।
अध्यापकों का कहना हैं कि, तनख्वाह नहीं मिलने से घर चलाना बहुत मुश्किल हो रहा हैं, 2016 से मात्र 3 हज़ार रुपए महीना मिल रहा है, हम पूरी मेहनत से बच्चों को पढ़ाते हैं लेकीन तनख्वाह के नाम पर सिर्फ़ धोखा मिलता हैं।