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जुनैद-नासिर हत्याकांड पर तथाकथित सेक्युलर पार्टी के नेताओं की चुप्पी क्या हत्यारों को मौन समर्थन हैं?

राजस्थान के घाटमीका निवासी जुनैद और नासिर की बेरहमी से पीट पीटकर हत्या और लाश को गाड़ी समेत जलाने के मामले में तथाकथित सेक्युलर पार्टी के बड़े नेताओं ने अभी तक मुंह नहीं खोला हैं।

कांग्रेस समेत तमाम पार्टियों के नेता अब भी इस घटना चुप्पी साधे हुए हैं, इन सब की चुप्पी पर अब सवाल भी खड़े होने लगे हैं तथा इस चुप्पी को हत्यारों का मौन समर्थन भी बताया जा रहा हैं।

कुछ समय पहले इसी राजस्थान की धरती पर कन्हैया लाल की गला काटकर हत्या कर दी गईं थीं जिसपर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, मायावती, ममता बनर्जी एवं अरविंद केजरीवाल समेत तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया तथा घटना की निंदा करते हुए आरोपियों के खिलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्यवाही करने की मांग भी की थीं।

लेकीन जुनैद और नासिर की बेरहमी से जलाकर हत्या के मामले पर यह सभी नेता चुप है तथा इनके सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इस घटना की चर्चा नहीं हैं।

तथाकथित सेक्युलर पार्टी के नेताओं की चुप्पी पर पत्रकार ज़ाकिर अली त्यागी का कहना हैं कि, उदयपुर की घटना जघन्य अपराध था, मुस्लिम समुदाय ने उस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन सवाल यह है कि मुस्लिमों का मत हासिल करने और ख़ुद सेक्युलर बताने वाले इन 4 नेताओं में से घाटमिका (भरतपुर) में जुनैद और नासिर को ज़िंदा गाड़ी में जला दिया गया यह अपराध की श्रेणी में नही आता?

एक अन्य पत्रकार वसीम अकरम का कहना हैं कि, कन्हैय्यालाल मर्डर की घटना जितनी निंदनीय थी, जुनैद, नासिर को ज़िंदा जलाकर मार देने की घटना भी उससे कहीं अधिक निंदनीय और मानवता पर धब्बा है। लेकिन राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव और ममता बनर्जी जैस विपक्षी दलों के नेताओं ने उसकी निंदा तक भी नहीं की. आख़िर क्यों?

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