योगी आदित्यनाथ सरकार इस बार उत्तर प्रदेश बोर्ड परीक्षा को लेकर कुछ ज्यादा ही सतर्क लग रही हैं. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में बैठा छात्र अगर नकल करते हुए पकड़ा जाता हैं तो उस पर NSA (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्यवाही की जाएगी।
इतना ही नहीं सामूहिक नकल की जानकारी मिलने पर फौरन परीक्षा को निरस्त करने के साथ ही परीक्षा केंद्र को भी बंद कर दिया जाएगा।
इस बार की परीक्षा में प्रश्न पत्र को रखने के लिए प्रिंसिपल के रूम से अलग एक कमरा भी तैयार किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए यह सभी निर्देश जारी किए हैं, साथ ही यह निर्देश भी दिया गया है कि केंद्र व्यवस्थापक और स्टैटिक मजिस्ट्रेट की लिस्ट जल्द से जल्द तैयार कर ली जाए।
गौरतलब है कि अगले महीने 16 फरवरी से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं. परीक्षा की तैयारी को लेकर महानिदेशक ने डीआईओएस मनोज कुमार और जॉइंट एजुकेशन डायरेक्टर आर. पी. शर्मा के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग किया।
महानिदेशक की तरफ से यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि परीक्षा के दौरान अगर कोई भी छात्र नकल संबंधी गतिविधि में पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ एनएसए के तहत कार्यवाही की जाए।
निर्देश के अनुसार एग्जाम सेंटर पर नजर बनाए रखने के लिए कंट्रोल रूम भी तैयार किया जाएगा, जिसका ट्रायल किसी भी दिन लिया जा सकता है, प्रदेश के सभी जिलों का कंट्रोल रूम लखनऊ के कंट्रोल रूम के साथ जोड़ा जाएगा, साथ ही परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसकी भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रावधान के तहत अगर किसी भी व्यक्ति से कोई खतरा नजर आता है तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है, और यदि सरकार को ऐसा लगता है कि कोई व्यक्ति देश के लिए खतरा है तो उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
नकल विहीन बोर्ड परीक्षा कराने के लिए कॉपियों में बारकोड होगा. पहली बार कॉपियों के हर पेज पर बारकोड की व्यवस्था लागू होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तीन करोड़ कॉपियों में पहली बार बारकोड का प्रयोग किया जा रहा है।
(यह स्टोरी इकरार अहमद अंसारी द्वारा लिखी गई हैं लेखक ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से जियोग्राफी में स्नातक किया है तथा स्वतंत्र पत्रकार भी हैं)