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महाराष्ट्र: असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा उठाया, बोले- हाई कोर्ट की मंजूरी के बाद भी महाराष्ट्र सरकार आरक्षण क्यों नही दे रहीं?

पूरे देश मुस्लिमों की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक स्थिती दलितों से बदतर हो चुकी हैं. मुसलमानों का स्टेटस अब दलितों से भी नीचे चला गया हैं।

जिसको देखते हुए समय-समय पर कमेटी बनाकर मुस्लिमों का स्टेटस जानने की कोशिश की गई. तथा सभी कमेटियों ने मुस्लिमों की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक स्थिती को बहुत खराब बताया।

महाराष्ट्र में भी मुस्लिमों का स्टेटस जानने के लिए महमूद उर रहमान के नेतृत्व में कमेटी बनाई गई. जिसने अपनी रिर्पोट में महाराष्ट्र के मुस्लिमों की पिछड़ी जातियों को 5 फ़ीसदी आरक्षण देने की बात कहीं गई थीं।

महमूद उर रहमान की रिर्पोट को बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी सही मानते हुए 5 फ़ीसदी आरक्षण देने की मंजूरी दे दी।

2014 में हाईकोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद भी महाराष्ट्र की सरकारें मुस्लिमों को आरक्षण नहीं दे रहीं हैं. जिसपर एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर महाराष्ट्र सरकार से सवाल किए।

असदुद्दीन ओवैसी के अनुसार “महाराष्ट्र के महमूद-उर-रहमान की कमेटी ने मुस्लिमों की पिछड़ी जातियों को 5% आरक्षण देने की बात कही थी, और बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे मंजूर भी किया था, तो फिर महाराष्ट्र सरकार आरक्षण क्यूं नहीं दे रही है?

असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि “कांग्रेस और एनसीपी सिर्फ मुस्लिमों का वोट लेना चाहती हैं उनकी तरक्की के लिए कुछ नहीं करना चाहती।”

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