बिहार के वैशाली ज़िले के राजापाकर थाना क्षेत्र के चकसीमा कल्याणपुर गांव में पुलिस हिरासत में नासिर साह की संदिग्ध मौत और उसके बाद ग्रामीणों पर हुई बर्बरता ने तनाव बढ़ा दिया है।
पीड़ित परिवार और ग्रामीणों ने पुलिस पर दबंग पक्ष के साथ मिलकर मारपीट, तोड़फोड़ और लूटपाट करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
5 सितंबर 2025 को गांव में इस्लामिक झंडा लगाने को लेकर विवाद शुरू हुआ। ग्रामीणों का आरोप है कि दबंग पक्ष ने पहले भी झंडा उतारकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी।
शाम को मिलाद कार्यक्रम के दौरान स्थिति और बिगड़ी। आरोप है कि गांव में पुलिस पहुंचने के बाद निष्पक्ष कार्रवाई करने के बजाय दबंगों के साथ मिल गई और महिलाओं, बुजुर्गों व बच्चों तक के साथ मारपीट की गई।
पुलिस को दी गई शिकायत में कहा गया है कि पुलिस और दबंगों की भीड़ ने 150–200 लोगों के साथ मिलकर घरों में घुसकर हमला किया, महंगे सामान, जेवर और नकदी लूट लिए, मोबाइल छीन लिए और तोड़फोड़ की। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि नासिर साह, जो इस पूरे घटनाक्रम से जुड़े पीड़ित थे, पुलिस हिरासत में बुरी तरह पिटाई के चलते मारे गए। उनकी मौत से गांव में गहरा आक्रोश है।
इस घटना की जानकारी मिलते ही AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान और पार्टी के अन्य पदाधिकारी गांव पहुंचे और मृतक नासिर साह के परिवार से मुलाकात की।
उन्होंने परिजनों को भरोसा दिलाया कि पार्टी उनके साथ खड़ी है और इंसाफ की लड़ाई हर स्तर पर लड़ी जाएगी।
पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एडवोकेट आदिल हसन ने कहा कि “पुलिस की बर्बरता और हिरासत में मौत किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हम नासिर साह के परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए हर कदम उठाएंगे।”
ग्रामीणों और पीड़ित परिवार ने निष्पक्ष जांच, दोषी पुलिसकर्मियों और दबंगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तथा मृतक परिवार को मुआवज़ा देने की मांग की है।