उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर बड़े बड़े दावे करने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सभी दावे धरे के धरे रह गए हैं, गाजियाबाद में दिन दहाड़े एक छात्रा के साथ हुई लूटपाट की घटना के बाद से ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री सिर्फ़ खोखले दावे करते है।
जानकारी के मुताबिक़, बीती 27 अक्टूबर को ऑटो से घर लौट रहीं बीटेक की छात्रा कीर्ति सिंह से दो बदमाश जितेंद्र और बलवीर ने मोबाइल छीनने की कोशिश की थीं।
इसका जब छात्रा ने विरोध किया तो बदमाशों ने उसका हाथ खींचकर उसे ऑटो से गिरा दिया और 15 मीटर तक सड़क पर घसीटते रहें. इस दौरान छात्रा बुरी तरह घायल हो गई।
घायल छात्रा को गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में भर्ती कराया गया, डॉक्टरों के मुताबिक़, छात्रा के शरीर में दो फ्रैक्चर हुए हैं और सिर में भी गंभीर चोट लगीं हैं।
डॉक्टरों ने छात्रा को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन 48 घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया. इस घटना से जुड़े आरोपी जितेंद्र ऊर्फ जीतू पुलिस मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है जबकि दूसरा लुटेरा बलवीर घायल हैं।
इस घटना को लेकर पत्रकार सचिन गुप्ता गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि, गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरेट है, चप्पे–चप्पे पर पुलिस मुस्तैदी का दावा किया जाता हैं. लेकिन सच्चाई देखिए, बाइकर्स लुटेरों ने एक ऑटो का पीछा किया, छात्रा का मोबाइल लूट लिया, छीनाझपटी में वो ऑटो से गिर गई और हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया।