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सलाहकार के कारण फिर फंसे विष्णुदेव साय, अब न्यायपालिका पर विवादित टिप्पणी आई सामने

इन दिनों न्यायपालिका, सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया पर विवादित बयानों को लेकर देश भर में माहौल गर्माया हुआ है।

भाजपा इस कदर बैकफुट पर है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को स्वयं ट्वीट कर इस पर सफ़ाई देनी पड़ी और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे व दिनेश शर्मा के बयानों को उनका निजी बयान बताना पड़ा।

भाजपा बैकफुट पर थी ही कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के ‘बहुचर्चित’ सलाहकार पंकज कुमार झा की अब न्यायपालिका पर टिप्पणी वायरल हो गई है।

कभी याद नहीं आता कि मुख्यमंत्री के इन सलाहकार महोदय ने मुख्यमंत्री का क्या काम आसान किया होगा? लेकिन हर रोज़ इनकी टिप्पणियों से मुसीबत में मुख्यमंत्री खड़े हो जाते हैं।

कभी गाली, कभी बिकनी, कभी हिंसा और अब न्यायपालिका पर टिप्पणी।

इनकी इस टिप्पणी पर लोगों ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को अपने इस सलाहकार को भी कुछ सलाह देने की ज़रुरत है। देश और समाज, समरसता और सौहार्द्रता, क़ानून और संविधान के प्रति इनकी दृष्टि और सोच अच्छी नहीं है। वे अदालतों के बारे में यूनान की एक ऐसी कहानी सुना रहे हैं जिसे माननीय न्यायाधीशों को धमकी की तरह ही देखना चाहिए। गनीमत है कि उन्होंने जज बीएच लोया का उदाहरण नहीं दिया कि देख लो ऐसा भी हश्र होता है। इससे पहले उन्होंने नफ़रत के ख़िलाफ़ नफ़रत फ़ैलाने की वकालत की थी और बाद में उसका बचाव भी कर रहे थे।

साथ ही लोगों ने सवाल पूछा है कि क्या जे पी नड्डा को पता है कि ऐसे लोगों को भी प्रश्रय दिया जा रहा है? और छत्तीसगढ़ भाजपा के नेतागण क्यों चुप हैं, क्या उनकी इसमें मौन स्वीकृति है? या सलाहकार के बयानों को पार्टी का अधिकृत बयान मान लिया जाए?

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