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कर्नाटक: दलित महिला ने ऊंची जाति वालों की टंकी से पिया पानी, नाराज़ ग्रामीणों ने टंकी को गोमूत्र से साफ़ किया

दलितों के साथ भेदभाव के मामलों में लगातार वृद्धि हो रहीं हैं, कभी ऊंची जाति वालों की टंकी से पानी पीने पर सफाई की जाती हैं तो कही घोड़ी चढ़ने पर पीटा जाता हैं।

ताज़ा मामला कर्नाटक के चामराजनगर के हेग्गोटारा गांव का हैं. जहां पर गलती से एक दलित महिला ने ऊंची जाति वालों की टंकी से पानी पी लिया, जिससे नाराज़ ऊंची जाति वालों ने टंकी की गोमूत्र से सफाई की।

खबरों के मुताबिक, दलित महिला गांव में एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए आई थी. इस दौरान उसने लिंगायत स्ट्रीट के सामने लगे सार्वजनिक नल से पानी पी लिया।

दलित महिला को पानी पीता देख लोगों ने तुरंत महिला को वहां से हटाया. फिर शुद्धीकरण के नाम पर नल को खोलकर उसे गौमूत्र से धोया. यहां तक कि टंकी का पूरा पानी भी बहा दिया गया और नया पानी भरा।

पत्रकार स्वाति मिश्रा के अनुसार, एक गांव में एक दलित परिवार में शादी थी. शादी में कुछ रिश्तेदार आए. रिश्तेदारों में एक महिला थी. महिला को नहीं पता रहा होगा कि ‘ऊंची जाति’ वालों की टंकी से पानी नहीं पीना है. उसने पी लिया. फिर ‘ऊंची जाति’ वालों ने उस टंकी को गोमूत्र से साफ करने के बाद पानी पिया।

स्वाति आगे लिखती हैं कि, क्या गजब व्यवस्था है. आदमी के छू जाने से दिक्कत होती है और वो दिक्कत जानवर के पेशाब से साफ करने से ठीक हो जाती है और यहां जाति पर कुछ लिख दीजिए तो लोग गाली देने लगते हैं. लगता है जाति केवल समाज में है, ट्विटर पर नहीं।

इस घटना पर राष्ट्रीय लोकदल नेता प्रशांत कनौजिया का कहना हैं कि “गाय का मूत्र चटकारे लेकर पीने वालों को दलितों के टच किये हुए पानी से दिक्कत है?”

पुलिस अधिकारियों का कहना हैं कि, अगर महिला शिकायत करती है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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