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कल जब हम अस्पताल, विश्वविद्यालय के लिए लड़ रहे थे तो लोगों ने साथ नहीं दिया, कोरोना संकट के बाद क्या अपनी भूल सुधारेंगे लोग: – प्रोफेसर लक्ष्मण यादव

कोरोना संकट की वजह से भारत में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात बन गए हैं लोग जरूरी स्वास्थ सेवाओं के अभाव में दम तोड़ रहे हैं।

ऐसे हालात पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर लक्ष्मण यादव ने टिप्पणी करते हुए कहा कि कल तक हम लड़ते रहे कि स्कूल,कॉलेज, विश्वविद्यालय के साथ अस्पताल बनाओ ,आप नहीं बोले, नहीं साथ दिए।

कल अगर वापस हालात ठीक होते हैं तो क्या आप स्कूल कॉलेज अस्पताल के लिए बोलेंगे, लड़ेंगे या भूल जाएंगे, सच सच बताइए, कुछ भी याद रहेगा?

प्रोफ़ेसर यादव की इस टिप्पणी की सोशल मीडिया पर जमकर प्रशंसा की जा रही है। तथा लोग इस विचार के साथ सहमति भी जता रहे है।

एक ट्विटर यूजर ने इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अबकी बार वोट शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर देना, वो फिर आपके घर आएंगे और बोलेंगे की अगर मुसलमानों को खत्म करना है तो भाजपा को वोट दो। आप भी उनसे बोल देना की इस बार हिंदू-मुस्लिम मंदिर-मस्जिद के नाम पर हम वोट नहीं देंगे।

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