कर्नाटक में विधानसभा चुनाव को लेकर माहौल गर्म हैं ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने 385 मुकदमों को वापस लिया हैं. इस बात का खुलासा राइट टू इनफॉर्मेशन (RTI) के ज़रिए हुआ हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा दायर एक आरटीआई के जवाब में कर्नाटक राज्य के गृह विभाग ने स्वीकार किया हैं कि, जुलाई 2019 से अप्रैल 2023 तक चार साल के कार्यकाल के दौरान कर्नाटक में भाजपा सरकार ने 385 आपराधिक मामलों के मुकदमे चलाने के आदेश वापस लिए हैं।
इन मुकदमों में हेट क्राइम, गौ रक्षा और सांप्रदायिक हिंसा के भी 182 मामले शामिल हैं. आपको बता दें कि, ये सभी मामले 2013 से 2018 के बीच कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में दर्ज़ किए गए थे।
साम्प्रदायिक अपराधों के मामलों को वापस लेने से भाजपा सांसद और विधायक सहित 1,000 से अधिक अभियुक्तों को लाभ हुआ हैं।
बीजेपी सरकार ने सांप्रदायिक हिंसा के जिन मामलों को वापस लिया हैं उनमें से 45 मामले दिसंबर 2017 के हैं. खबरों के मुताबिक, यह हिंसा उत्तर कन्नड़ जिले में एक हिंदू युवक परेश मेस्टा की मौत के बाद शुरू हुई थीं जिसके बाद दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने जमकर हिंसा की. हालांकि बाद में सीबीआई ने इस हत्या को एक्सीडेंटल डेथ बताया था।