उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले की घटना है। सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज में एक सामूहिक स्वास्थ केंद्र के उदघाटन के दौरान भाजपा विधायक और उनके गुंडों ने पत्रकार अमीन फारुखी को जमकर मारा पीटा।
उनका दोष बस इतना था कि उन्होंने भाजपा विधायक से सवाल करने की हिम्मत दिखाई।
सामूहिक स्वास्थ्य केंद्र का उद्घाटन करने प्रदेश के स्वास्थ मंत्री भी आये हुए थे। मौके पर ज़िले के SDM भी मौजूद थे। मौके पर विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह भी मौजूद थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पत्रकार अमीन फारुखी ने SDM और भाजपा विधायक से सवाल पूछा, SDM साहब भड़क गए। विधायक के साथ मौके पर मौजूद हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने पत्रकार अमीन फारुखी को मारना शुरू कर दिया।
इस पूरी घटनाक्रम पर सिद्धार्थनगर पुलिस ने भी वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा है। पुलिस का कहना है कि पत्रकारों ने आपस में ही मारपीट की है। पुलिस का कहना है कि पत्रकार अमीन फारूकी ने SDM साहब पर टिप्पणी की। जिसके बाद दूसरे पत्रकारों ने इस पर आपत्ति जताई। इसी बात को लेकर दोनों पक्षों में मारपीट हो गयी।
पुलिस के दावों की पोल खोलती एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जिसमें बहुत सारे लोग मिलकर पत्रकार अमीन फारुखी को मार रहे हैं।
दैनिक भास्कर के पत्रकार आदित्य तिवारी ने इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा है “अन्याय! गौतम बुद्ध की नगरी सिद्धार्थनगर में एक पत्रकार की इसलिए पिटाई हुई क्योंकि वह कवरेज करने पहुंचा था।
पिटने वाले कोई और नहीं SDM डुमरियागंज के गुर्गे और सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक के बताए जा रहे हैं..इसके बाद बिना मुकदमे के टीवी चैनल के पत्रकार को लॉकअप में डाल दिया गया।
अन्याय! गौतम बुद्ध की नगरी सिद्धार्थनगर में एक पत्रकार की इसलिए पिटाई हुई क्योंकि वह कवरेज करने पहुंचा था।
पिटने वाले कोई और नहीं SDM डुमरियागंज के गुर्गे और सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक के बताए जा रहे हैं..इसके बाद बिना मुकदमे के टीवी चैनल के पत्रकार को लॉकअप में डाल दिया गया pic.twitter.com/Nbi7h9jY4T
— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) May 16, 2021
पत्रकार अमीन रारुकी को पुलिस ने थाने में बिठाकर रखा है। भाजपा विधायक और हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ता बिना तहरीर के कार्यवाई की मांग कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर कई पत्रकारों ने अमीन फारुखी के लिए इंसाफ की मांग की है। पत्रकार रणविजय सिंह ने ट्वीट कर उनकी रिहाई की मांग की है।
ये अमानवीय है. पत्रकार सवाल नहीं पूछेगा तो क्या करेगा? किस अपराध में थाने में रखा गया है. https://t.co/H6zGTRtsTq
— Ranvijay Singh (@ranvijaylive) May 16, 2021
पत्रकार रोहिणी सिंह ने भी आवाज़ उठाई है और मुख्य धारा की मीडिया से अपील की है कि वे भी इनके लिए आवाज़ उठाये
Will the editors who attended that briefing today in Noida speak up for ground reporters who are getting bullied and tortured this way? https://t.co/7cZTjwrAIT
— Rohini Singh (@rohini_sgh) May 16, 2021