राजस्थान में कहने को तो तथाकथित सेक्युलर कांग्रेस पार्टी की सरकार हैं लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए लगता हैं कि सत्ता कोई बड़ा हिंदुत्ववादी नेता संभाल रहा हैं।
पिछले एक हफ्ते में राजस्थान के अंदर तीन ऐसी घटनाएं सामने आईं हैं जिनको देखकर लगता हैं कि राजस्थान हिंदुत्ववादियों ने सुरक्षित स्थान बनता जा रहा हैं।
बीती 24 मई को कोटा में भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित विधायक टी राजा सिंह ने खुलेआम हेट स्पीच देते हुए मुसलमानों को निशाना बनाया, लेकिन पुलिस कार्यवाही करने की जगह खड़े खड़े उसके भाषण का आनंद लेती रहीं।
हालांकि बाद में टी राजा सिंह के खिलाफ एफआईआर ज़रूर दर्ज़ हुई लेकिन गिरफ्तारी फिर भी नहीं हो सकीं।
इसके बाद 26 मई को कोटा में ही हाजियों की बस पर हमला किया गया, हमलावरों के हौसले इस क़दर बुलंद थे कि उन्होंने जमकर बस में तोड़फोड़ और पथराव किया. इस घटना में कई लोग घायल भी हुए हैं।
हाल ही में 27 मई को उदयपुर में हिंदुत्ववादी संगठन बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दर्जनों बंदूकों के साथ खुलेआम पैदल मार्च किया. इन लोगों पर भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई हैं।
इससे पहले भी राजस्थान में कई मुस्लिम विरोधी आयोजन हो चुके हैं लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुंह में दही जमाकर बैठे हैं।