LGBTQIA+ समुदाय ने सम्मानजनक जीवन जीने के अपने अधिकार के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है। हर साल जून में दुनिया LGBTQIA+ समुदाय और उनके सम्मानजनक जीवन जीने के अधिकार को समर्पित प्राइड मंथ मनाती है।
प्राइड लोगों के एक साथ आने, यह दिखाने और जश्न मनाने के बारे में है कि समलैंगिक अधिकार कितने आगे आ गए हैं और कितना हासिल करना बाकी है।
प्राइड मंथ 2021: इतिहास और महत्व
यह महीना स्वीकृति सिखाने, प्राइड इतिहास के बारे में शिक्षित करने और सबसे बढ़कर, प्रेम के बारे में है।
इस महीने के दौरान, हम दूसरों को और खुद को शिक्षित करते हैं कि होमोफोबिया कितना हानिकारक है और हमें इससे छुटकारा पाने की आवश्यकता क्यों है और सिर्फ ये महीना ही क्यों हमे हर रोज इन सब के बारे में खुद को और अपने आस पास के लोगों को शिक्षित करना चाहिए।
यह इस बात पर गर्व करने के बारे में है कि आप कौन हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किससे प्यार करते हैं। इसके बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए कई अभियान चलाए जाते हैं।
हम प्राइड मंथ क्यों मनाते हैं?
1969 के स्टोनवेल दंगों ने प्राइड आंदोलन के उत्प्रेरक के रूप में काम किया। इससे पहले, अमेरिकी संविधान ने समलैंगिकता पर प्रतिबंध लगा दिया था, और पुलिस अक्सर क्वीर बार पर छापा मारती थी और समलैंगिक समुदाय को परेशान करती थी।
सबसे लोकप्रिय समलैंगिक बार में से एक, ग्रीनविच विलेज के स्टोनवेल इन पर भी अक्सर छापा मारा गया था।
लेकिन 28 जून, 1969 को, दैनिक अत्याचारों से तंग आकर, पूरे क्वीर समुदाय ने इसका विरोध किया और सत्ता में बैठे लोगों को मुंहतोड़ जवाब दिया।
विरोध कई दिनों तक चला और दुनिया के विभिन्न कोनों से समर्थन मिला। इस लड़ाई ने दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव लाया।
उसी वर्ष, स्टोनवेल दंगों की वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए पहली आधिकारिक प्राइड परेड की गई और तब से यह एक परंपरा बन गई।
कई लोग आज LGBTQIA+ समुदाय के अधिकारों के लिए स्टोनवेल दंगों को श्रेय देते हैं।
कैसा है वर्ल्ड प्राइड डे 2021?
वैश्विक गौरव दिवस हर साल 28 जून को मनाया जाता है। दुनिया भर में आमतौर पर रंगीन परेड, संगीत कार्यक्रम और मार्च होते हैं। हालाँकि, चूंकि कोविड -19 महामारी अभी भी मँडरा रही है, इसलिए कई लोग इसे ऑनलाइन मनाएंगे।
1969 से अब तक, LGBTQIA+ लोग और सहयोगी समुदाय को शादी करने का अधिकार देने, बच्चों को गोद लेने का अधिकार, परिवार शुरू करने, भेदभाव से लड़ने, अभद्र भाषा और घृणा अपराधों से लड़ने का अधिकार देने के लिए लड़ते आ रहे है।
इस लड़ाई में हम बहुत आगे आ चुके है और अभी और भी आगे जाना है। उम्मीद है कि दुनिया जल्द ही बिना किसी भेदभाव के प्यार और प्रेमियों को स्वीकार करेगी। प्राइड का महीना आप सभी को मुबारक।
(यह लेखक के अपने विचार है लेखक शिवानी दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म की छात्रा है)