पूर्व पत्रकार प्रशांत कनौजिया राष्ट्रीय लोकदल में SC/ST मोर्चे के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालते ही एक्शन मोड में नज़र आ रहे हैं। जबसे उन्हें नई जिम्मेदारी दी गई है तबसे वे लगातार योगी सरकार पर हमलावर हैं।
उन्होंने क्षेत्र का दौरा शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में जाकर पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाक़ात कर रहे हैं। आज ही उन्होंने अलीगढ़ का दौरा किया और वहां कार्यकर्ताओं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति पर चर्चा भी की।
अपने पत्रकारिता काल से ही दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यको के मुद्दों पर मुखर प्रशांत कनौजिया ने दलितों के मुद्दों पर आवाज़ उठाना शुरू कर दिया है।
पार्टी द्वारा SC/ST मोर्चे का अध्यक्ष बनाये जाते ही सबके पहले उन्होंने हाथरस रेप पीड़िता के घर जाकर उनके परिजनों से मुलाकात की। साथ ही उन्होंने परिवार को मुआवज़े और आवास दिलाने का आश्वासन भी दिया।
हाथरस में वाल्मीकि समाज की बेटी के साथ हुए अपराध मामले में परिजनों से @PJkanojia @abhishekrld_ जी ने मुलाक़ात की। न मुआवजा, न सरकारी नौकरी, न आवास। परिजन सिर्फ राशन पर ज़िंदा है। लखनऊ जाने का ख़र्च भी खुद उठाना पड़ता है। पीड़ितों से जयंत चौधरी जी ने भी फ़ोन पर बात की। @jayantrld pic.twitter.com/azniVhh7ae
— Chaudhary Sachin Malik (@SachinMalik1999) June 21, 2021
हाथरस मामले को लेकर आज भी उन्होंने एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने सरकार को चेतावनी भी दी है। उन्होंने कहा है कि अगर हाथरस की पीड़ित के परिवार को 50 दिनों के अंदर 25 लाख मुआवजा, सरकारी नौकरी और आवास नहीं दिया गया तो वे आंदोलन करेंगे।
https://twitter.com/PJkanojia/status/1407287038194241540?s=19
गौरतलब है कि पिछले साल 14 सिंतबर को हाथरस के वाल्मीकि समाज से ताल्लुक रखने वाली एक 19 साल की नौजवान लड़की की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गयी थी। रेप और हत्या का आरोप स्वर्ण समाज के 4 लोगों पर लगा था।
इस मामले को लेकर कई दिनों तक हंगामा हुआ था। प्रियंका गांधी से लेकर राहुल गांधी ने भी पीड़िता के समर्थन में रैली निकाली थी।
जिसके दबाव में प्रदेश की योगी सरकार ने पीड़िता के परिवार को मुआवजे के तौर पर 25 लाख रुपये, परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी और एक पक्का मकान देने का आश्वासन दिया था। घटना के 8 महीना बीतने के बाद भी परिवार को किसी भी तरह का कोई मुआवजा नहीं दिया गया है।
परिवार को आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। पीड़ित परिवार को मुक़दमे की सुनवाई के लिए खुद के खर्चे से लखनऊ जाना पड़ता है।
हाथरस में वाल्मीकि समाज की बेटी के साथ हुए अपराध मामले में परिजनों से मुलाकात की। न मुआवजा, न सरकारी नौकरी, न आवास। परिजन सिर्फ राशन पर ज़िंदा है। लखनऊ जाने का ख़र्च भी खुद उठाना पड़ता है। पीड़ितों से जयंत चौधरी जी ने भी फ़ोन पर बात की। भाजपा राज में दलितों की दुर्गति हुई है। pic.twitter.com/fW9LczmBxz
— Prashant Kanojia (@PJkanojia) June 21, 2021