ये कितनी बड़ी विडंबना है कि इस देश का प्रथम नागरिक महामहिम राष्ट्रपति जिसके ज़िम्मे में ये जिम्मेदारी है कि वे देश की हर नागरिक की रक्षा करने वाली सरकार पर नज़र रखे उसी महामहिम के कारण अगर किसी नागरिक की जान चली जाए।
महामहिम राष्ट्रपति के कानपुर पहुंचने पर काफी देर तक प्रशासन ने ट्रैफिक को रोके रखा। इसी ट्रैफिक में एक एम्बुलेंस भी फंस गया। ट्रैफिक में काफी देर तक फंसे रहने के कारण एम्बुलेंस से हॉस्पिटल जा रही एक 50 साल की महिला की मौत हो गयी।
बताया जा रहा है कि महिला का नाम वंदना मिश्रा है जो कि भारतीय प्रद्योगिकी संघ के कानपुर यूनिट में महिला विंग की अध्यक्ष थी। वे कोरोना से बुरी तरह संक्रमित थी और इलाज के लिए अस्पताल जा रही थी।
कानपुर पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने व्यक्तिगत तौर पर मृतक वंदना मिश्रा के परिवार से माफी मांगी है।
साथ कि पुलिस कमिश्नर के ऑफिसियल ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर मृतक के परिवार से माफी मांगी है। पुलिस कमिशनेट ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि,”आईआईए की अध्यक्षा बहन वंदना मिश्रा जी के निधन के लिए कानपुर नगर पुलिस और व्यक्तिगत रूप से मैं क्षमा प्रार्थी हूँ। भविष्य के लिए ये बड़ा सबक है। हम प्रण लेते हैं कि हमारी रुट व्यस्था ऐसी होगी कि न्यूनतम समय के लिए नागरिकों को रोका जाए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो”
कानपुर में राष्ट्रपति के पहुंचने पर ट्राफिक रोका गया।ट्रैफिक में एंबुलेंस फंसी, एंबुलेंस में 50 साल की वंदना मिश्रा की जान। पोस्ट कोविड जूझ रहीं थी। 1 घंटे एंबुलेंस नहीं निकल पाई, मगर VIP कल्चर में जान निकल गई।
कमिश्नर ने घर जाकर माफी मांगी, लेकिन माफी से जान वापस आएगी ? pic.twitter.com/o8kt2Gerap
— Abhinav Pandey (@Abhinav_Pan) June 26, 2021
पुलिस प्रशासन ने कार्यवाई करते हुए 4 पुलिस कर्मी, 1 सब इंस्पेक्टर और 3 हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है।
ऐसे में सवाल ये उठता है कि VVIP कल्चर के कारण गयी इस जान की भरपाई क्या माफी से या निलंबन से की जा सकती है? इस समस्या की जड़ VVIP कल्चर है। जब तक ये खत्म नहीं होगा तब तक मौत का ये सिलसिला यूँ ही चलता रहेगा।