राजधानी दिल्ली एक बार फिर शर्मशार हो गईं, हाल ही में दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना के बाद इस बार मुस्लिम सिविल डिफेंस कर्मी को दरिंदों ने अपना शिकार बनाया।
दिल्ली में सिविल डिफेंस कर्मी की जॉब पर तैनात 21 वर्षीय लड़की के साथ 4 लोगों ने मिलकर सामूहिक बलात्कार किया तथा उसकी हत्या कर दी।
21 वर्षीय महीला दिल्ली के संगम विहार में अपने परिवार के साथ रहती थीं 27 अगस्त की शाम वह अपनी ड्यूटी से घर नही लौटी तो परेशान घरवालों ने उसको ढूंढना शुरू किया लेकिन उसका कहीं भी सुराग नहीं मिला।
थाने मे रिपोर्ट दर्ज़ कराने के बाद लड़की की लाश फ़रीदाबाद के सूरजकुंड की झाड़ियों से बरामद हुईं। लड़की के शरीर पर गहरे जख्मों के निशान थे।
ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) दिल्ली अध्यक्ष कलीमुल हफीज़ ने इस घटना पर गहरा दुःख प्रकट करते हुए कहा हैं कि “सिविल डिफेंस के ज़रिए लोगों की सुरक्षा का ढिंढ़ोरा पीटने वाले अरविंद केजरीवाल क्या इस तरह से नागरिकों की रक्षा करेंगे? कि खुद सिविल डिफेंस के सदस्य सुरक्षित नहीं है।”
सिविल डिफ़ेंस का झाँसा और ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का नारा देने वालों ने अब तक इस परिवार की ख़बर तक नहीं ली है, क्या इसलिए कि पीड़ित मुसलमान है?
केजरीवाल की एक करोड़ की मुआवज़े की स्कीम आख़िर मुसलमानों और दलितों के मामले में लापता क्यों हो जाती है?
कलीमुल हफीज़ ने लड़की के परिवार से मिलकर दरिंदों को फाँसी और पीड़ित परिवार को 1 करोड़ का मुआवज़ा तुरंत दिए जाने की मांग भी की हैं।