हिंदुस्तान का इतिहास रहा हैं हैं यहां पर जब भी दंगे हुए हैं उनमें मरने वाले अधिकतर मुस्लिम समुदाय के लोग होते हैं. जिसके कारण इनको इंसाफ बहुत मुश्किल से मिल पाता हैं।
ऐसा ही 27 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों में हुआ. यहां पर भी सबसे ज्यादा मरने वाले और बेघर होने वाले मुसलमान थे।
पीड़ित मुस्लिम परिवार आज भी इंसाफ के लिए तरस रहें हैं. लेकिन अदालत से दंगों के तमाम आरोपी सबूतों के अभाव में बरी हो रहें हैं।
मुजफ्फरनगर के खतौली से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी समेत दंगों के एक दर्जन आरोपीयों को एमपी-एमएलए कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है।
बीजेपी विधायक विक्रम सैनी समेत तमाम लोगों पर एक घर में खड़ी कार को आग लगाने, गाली-गलौज करने और मुसलमानों को धमकी देने के आरोप लगे थे।
इस मामले में 28 अगस्त, 2013 को गांव के चौकीदार इश्त्याक की ओर से विक्रम सैनी और राकेश सैनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस ने जांच के बाद विक्रम सैनी, राकेश सैनी, टीकम, दीपक, रवि, सोनू, पवन, जगपाल, रामकिशन, अंकित, विपिन और ईश्वर के खिलाफ केस दर्ज किया था।
लेकिन इनके खिलाफ़ सबूत न होने के कारण अदालत ने इनको बरी कर दिया।
आपको बता दें कि दंगों के बाद 2017 में हुए चुनाव में विक्रम सैनी जीतकर विधायक बने थे।