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हिंदुत्ववादियों ने जुम्मे की नमाज़ के विरोध में DC को ज्ञापन सौंपा, बोले- काशी मथुरा ज़ाती हैं दिल्ली की जामा मस्जिद बाकी हैं

गुरुग्राम में जुम्मे की नमाज़ का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा हैं. पुलिस और प्रशासन की नरमी के कारण हिंदुत्ववादियों के हौसले बुलंद हो रहें हैं।

पिछले शुक्रवार को जुम्मा की नमाज़ गुरुग्राम के 6 स्थानों पर पुलिस के कड़े इंतजाम के बीच पढ़ी गई जिसके कारण हिंदुत्ववादी नमाज़ स्थलों से दूर रहें।

हिंदुत्ववादियों ने विरोध का नया तरीका निकालते हुए डीसी को ज्ञापन सौंपा तथा खुलेआम धमकी देते हुए कहा कि “गुरुग्राम में ही नहीं बल्कि पूरे मुल्क में खुले में नमाज़ नहीं पढ़ने दी जाएगी।”

उर्दू अख़बार इंकलाब के मुताबिक़, हिंदुत्ववादियों ने जामा मस्जिद को भी निशाना बनाते हुए कहा कि “काशी मथुरा ज़ाती हैं दिल्ली की जामा मस्जिद बाकी हैं।”

इस नारे का अर्थ साफ हैं कि हिंदुत्ववादियो को सिर्फ खुले में नमाज़ पढ़ने से दिक्कत नहीं हैं बल्कि इनको मस्जिदों से भी दिक्कत हैं।

हिंदुत्ववादियो ने खुलेआम धमकी देते हुए वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर भी अपना अधिकार जमाते हुए कहा कि “जितनी भी वक्फ बोर्ड की ज़मीन हैं वो सारी हिंदुओं की हैं और जो लोग नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के तहत हिंदुस्तान आएंगे उनको यह ज़मीन दी जाएगी।”

हिंदू संघर्ष समीति के दिनेश भारती ने कहा कि, यह लोग खुले में नमाज़ पढ़कर गुरुग्राम में फसाद फैलाना चाहते हैं इसलिए हम इन लोगों को गुरुग्राम तो क्या पूरे मुल्क में एक इंच भी ज़मीन खुले में नमाज़ पढ़ने के लिए नहीं देंगे।

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