कश्मीरी पंडितों को लेकर इस वक्त पूरे देश में चर्चा हो रहीं हैं तथा चारों तरफ माहौल गर्म हैं. जिसके पीछे सबसे बड़ा कारण हैं द कश्मीर फाइल मूवी।
“द कश्मीरी फाइल” के बारे में बताया जा रहा है कि यह फिल्म देश का माहौल खराब कर रहीं हैं. कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी संगठन के लोग सिनेमा घर में जबरन इस फ़िल्म को लगाने की मांग कर रहें हैं।
कुछ लोग सोशल मीडिया के ज़रिए यह बताने की भी कोशिश कर रहें हैं कि कश्मीरी पंडितों के साथ जो हुआ हैं उसकी ज़िम्मेदार भाजपा हैं।
पत्रकार पियूष बाबेले का कहना हैं कि, कश्मीर फाइल्स जिसे देखनी हो देखे और जिसे ना देखनी हो ना देखे। लेकिन यह तथ्य ध्यान में रखें कि अगर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा न निकाली होती और पूरे भारत में मुसलमानों के खिलाफ माहौल नहीं बनाया होता तो कश्मीर में भी कश्मीरी पंडितों के खिलाफ माहौल नहीं बनता।
कश्मीर फाइल्स जिसे देखनी हो देखे और जिसे ना देखनी हो ना देखे। लेकिन यह तथ्य ध्यान में रखें कि अगर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा न निकाली होती और पूरे भारत में मुसलमानों के खिलाफ माहौल नहीं बनाया होता तो कश्मीर में भी कश्मीरी पंडितों के खिलाफ माहौल नहीं बनता। 1/3
— Piyush Babele पीयूष बबेले (@BabelePiyush) March 13, 2022
पियूष बाबेले आगे कहते हैं, 45 साल तक कांग्रेस की सरकारों के जमाने में कश्मीरी पंडितों का पलायन नहीं हुआ, लेकिन जब केंद्र में बीजेपी के समर्थन से विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार बनी तब कश्मीर से कश्मीरी पंडितों का पलायन हुआ।
भाजपा दंगों की पृष्ठभूमि तैयार करने और फिर उनसे होने वाले विनाश को भुनाने में हमेशा ही बहुत आगे रही है। आपदा पैदा करना और फिर आपदा में अवसर ढूंढना उनकी रणनीति का हिस्सा है। जिसे इन तथ्यों पर संदेह हो वह गूगल कर सकता है।