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कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स की रिर्पोट के मुताबिक, भारत की जेल में बंद 7 पत्रकारों में से 5 मुस्लिम

पत्रकारों की स्वतंत्रता को लेकर अपनी रिर्पोट पेश करने वाली “कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ)” ने भारतीय पत्रकारों को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े प्रस्तुत किए हैं।

वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, 1 दिसंबर 2022 तक भारत की जेल में 7 पत्रकार बंद हैं जिनमें से 5 पत्रकार मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखते हैं।

CPJ ने अपनी रिपोर्ट में लिखा हैं कि, सात पत्रकारों को जेल में बंद करने और मीडिया के साथ किये जा रहे बर्ताव, विशेष रूप से कश्मीरी पत्रकारों आसिफ सुल्तान, फहद शाह, और सज्जाद गुल को जेल में रखने के लिए जम्मू एन्ड कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट नामक कानून के उपयोग पर भारत निरन्तर अपनी आलोचना करवा रहा है।

यह कश्मीरी पत्रकार अलग-अलग मामलों में अदालत द्वारा आदेशित जमानत दिए जाने के बाद भी इस कानून के तहत सलाखों के पीछे हैं।

भारत की जेल में बंद पत्रकार

1) आसिफ सुल्तान
2) सिद्दीकी कप्पस
3) गौतम नवलखा
4) मनन डार
5) सज्जाद गुल
6) फहद शाह
7) रूपेश कुमार सिंह

आपको बता दें कि, कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स की वार्षिक जेल जनगणना ने पाया है कि 1 दिसंबर, 2022 तक 363 पत्रकारों को उनकी स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया हैं, यह आंकड़े पिछले वर्ष की तुलना में 20 फ़ीसदी बढ़े हैं।

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