राजधानी दिल्ली में बीते दो साल पहले नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुए दंगों के आरोप में गिरफ्तार छात्र नेता उमर खालिद और खालिद सैफी को कोर्ट ने आरोपमुक्त कर दिया हैं।
उमर खालिद और खालिद सैफी की रिहाई पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता मौहम्मद महताब आलम ने न्यायिक प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, जेल में बर्बाद हुए इनके समय का हिसाब कौन देगा?
महताब आलम का कहना हैं कि, दिल्ली दंगा मामले में खालिद सैफी भाई और उमर खालिद बेगुनाह साबित हुए है. कुछ दिन बाद मीरान हैदर और शरजील इमाम जैसे दर्जनों साथी जो CAA-NRC आंदोलन में जेल गए हैं निर्दोष साबित होकर बाहर निकलेंगे. लेकिन सवाल ये है, जेल में बर्बाद हुए इनके समय का हिसाब कौन देगा? उन्हें न्याय कौन देगा?
आपको बता दें कि, उमर खालिद और खालिद सैफी को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था. इनके ऊपर यूएपीए और आईपीसी की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।
इन दोनों के खिलाफ ये मामला एक कांस्टेबल के बयान के आधार पर दर्ज किया गया था. जिसमें उसने कहा था कि फरवरी 2020 में चांद बाग पुलिया के पास भारी भीड़ जमा हुई थी. जिसने पत्थरबाजी की थी. उसमें ये दोनों भी शामिल थे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य परमाचल ने विस्तृत सुनवाई के बाद दोनों को इस मामले बेगुनाह साबित कर दिया हैं।