नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध करने पर यूएपीए के तहत जेल में बंद आंदोलनकारी छात्र नेता आसिफ इकबाल तन्हा, नताशा नरवाल, देवांगना कलिता को हाई कोर्ट से ज़मानत मिल गयी है।
हाई कोर्ट ने 15 जून को तीनों आंदोलनकारी छात्रों को ज़मानत दे दी थी लेकिन पुलिस ने कागज़ी कार्यवाही के समय मांगा था जिसके बाद कल देर रात तीनों को रिहा कर दिया गया।
तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद तीनों ने खुशी का इजहार करते हुए कहा कि हक और इंसाफ की लड़ाई लड़ते रहेंगे तथा तीनों ने एक स्वर में उमर खालीद, शरजील इमाम और खालीद सैफी की रिहाई के लिए भी आवाज़ बुलंद की।
जामिया के छात्र एवं सीएए विरोध प्रदर्शन के जाना पहचाना नाम आसिफ इकबाल तन्हा जेल से रिहा होने पर बोले “हक और इंसाफ की लड़ाई लड़ते रहेंगे नजीब, इकलाख और अलीमुद्दीन अंसारी के लिए आवाज़ बुलंद करते रहेंगे।”
एनडीटीवी के पत्रकार ने जब आसिफ से सवाल पूछा की आपको डर नही लगता तो आसिफ बोले “डर सिर्फ अल्लाह से लगता है उसके अलावा किसी से नही डरते।”
फिलहाल तीनों छात्र नेता रिहा हो गए है लेकिन दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी तथा जमानत का विरोध किया है।