भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित असम में आए दिन मुसलमानों के ख़िलाफ़ बदले की भावना से कार्यवाही की जा रहीं हैं, कभी मदरसों पर बुल्डोजर चलाया जाता हैं तो कभी मुसलमानों को बेघर कर दिया जाता हैं।
ताज़ा मामला असम में बाढ़ पीड़ित मुसलमानों पर पुलिस द्वारा अंधाधुंध फायरिंग करने का हैं जिसमें एक मुस्लिम महिला की मौत हो गईं तथा 4 लोग घायल हो गए।
आपको बता दें कि, इस वक्त असम के कई इलाके भीषण बाढ़ की चपेट में है. लाखों लोग बेघर हो गए हैं तथा सुरक्षित स्थानों पर तंबू गाड़कर रह रहें हैं।
विस्थापितों के पास न तो खाने-पीने का सामान है और न ही उनतक सरकारी मदद ठीक से पहुंच रही है. इसलिए कुछ इनमें से कुछ लोग वन विभाग की ज़मीन पर अस्थाई रूप से शरण लिए हुए हैं।
ऐसी मुसीबत में नौगांव जिले के बूढ़े चापरी वनांचल के जंगल में रह रहें मुसलमानों पर असम पुलिस ने अंधाधुंध गोलियां चलाई है. जिसमें फातिमा नामक एक मुस्लिम महिला की मौत हो गईं तथा अहमद अली, रमजान अली, शमशेर अली और रहीमा खातून घयाल हो गईं।
पुलिस द्वारा जिन लोगों पर फायरिंग की गई हैं वे सभी गरीब मुसलमान हैं. निर्दोश और पीड़ित लोगों पर वन विभाग और पुलिस द्वारा की गई इस कार्यवाही के बाद से पूरे इलाके में तनाव का माहौल है।
इस मामले पर एआईयूडीएफ विधायक अमीनुल इस्लाम ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वन विभाग ने बाढ़ से प्रभावित लोगों पर अंधाधुंध गोलीबारी कर कर पूरे सिस्टम को शर्मशार कर दिया है. वन विभाग के लोगों ने बाढ़ पीड़ितों से बातचीत किए बिना उनपर अंधाधुंध फायरिंग की हैं।