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मुहर्रम की पहली तारीख को बदला गया खाना-ए-काबा का गिलाफ, 120 किलो सोना, 100 किलो चांदी और 670 किलो रेशम का इस्तेमाल करके बनाया गया

सऊदी अरब स्थित मुसलमानों के पवित्र स्थल खाना ए काबा (मक्का) का गिलाफ इस्लामिक साल की शुरुआत यानी मुहर्रम की पहली तारीख को बदला गया हैं।

इस गिलाफ को एक साल की कड़ी मेहनत के बाद बनाया जाता हैं. अरब मीडिया के मुताबिक, खाना-ए-काबा का गिलाफ में 120 किलो सोना, 100 किलो चांदी और 670 किलो रेशम का इस्तेमाल किया गया है।

इसके बनाने में आने वाले खर्च की बात करें तो इसमें जड़े सोने की कीमत ही 50 करोड़ रुपए से ज्यादा की हैं, इसके अलावा चांदी और रेशम के कपड़े और इसको बनाने में आने वाले अन्य खर्च का तो कोई अनुमान ही नहीं हैं।

खाना-ए-काबा के गिलाफ में सोने और चांदी के धागे से आकर्षक शैली में कुरान ए पाक की आयतें लिखी जाती हैं. इसकी लंबाई 50 फीट और चौड़ाई लगभग 40 फीट होती है।

आपको बता दे कि, गिलाफ को बदलने की रस्में शाही खानदान के लोगों और शाही इमाम की मौजूदगी में अदा की जाती हैं।

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