उतर प्रदेश के अयोध्या में वक्फ बोर्ड की एक मस्जिद को राम मंदिर ट्रस्ट को बेचने का मामला सामने आया है जिसके बाद से मुस्लिम समुदाय के लोग काफ़ी नाराज़ हैं।
यह मस्जिद पांजी टोला इलाके में राम जन्मभूमि परिसर के पास स्थित है. इसको मस्जिद बद्र के नाम से जाना जाता हैं जानकारी के मुताबिक़ यह मस्जिद लगभग सौ साल पुरानी है।
यह बिक्री मस्जिद के मुतवल्ली द्वारा की गई हैं, इसलिए मंदिर ट्रस्ट के बीच हुए ‘बिक्री के समझौते’ पर हस्ताक्षर करने वाले मुतवल्ली और मस्जिद समिति के सदस्य के खिलाफ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एफआईआर दर्ज करने की भी मांग की है।
इसके अलावा मुसलमानों ने जिला मजिस्ट्रेट से इस समझौते को रद्द करने की मांग की है एवं उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में भी इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है।
इंडिया टुमॉरो की रिर्पोट के मुताबिक, मस्जिद के मुतवल्ली मोहम्मद रईस ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को 30 लाख रुपये में बेंचा हैं. इस मामले पर उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वरिष्ठ वकील एडवोकेट आफताब अहमद का कहना हैं कि, केंद्रीय वक्फ अधिनियमों के अनुसार, किसी को भी वक्फ संपत्तियां बेचने का अधिकार नहीं है।
इसलिए मस्जिद बद्र को बेचने वालों ने अपराध किया है, उन पर तुरंत एफआईआर दर्ज करके, बिक्री समझौते को तुरंत रद्द करना चाहिए।