Journo Mirror
India

श्रीनगर के बशीर को 12 साल बाद मिला न्याय, गुजरात पुलिस ने आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किया था

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के रहने वाले बशीर अहमद को 12 साल बाद न्याय मिला। गुजरात एटीएस ने 2010 में उनको आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने के शक में गिरफ्तार किया था।

बशीर अहमद 2010 मे कंप्यूटर ट्रेनिंग कैंप में शामिल होने गुजरात आए थे जहाँ पर गुजरात एटीएस ने उनको गिरफ्तार कर लिया तथा यूएपीए लगा दिया था।

पुलिस का आरोप था कि बशीर अहमद 2002 के दंगों के चलते नाराज मुस्लिम युवकों को हिजबुल मुजाहिदीन में भर्ती करवाना चाहता था तथा उसके संबंध हिजबुल मुजाहिद्दीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन से थे।

वडोदरा की अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले के अनुसार पुलिस स्पष्ट रूप से आरोपी के खिलाफ आरोप साबित करने में असफल रही है। तथा जितने भी सबूत पेश किए गए है वह सभी नाकाफी है। इसलिए बशीर अहमद को रिहा किया जाता है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक बशीर अहमद का कहना है कि मुझे पता था कि मैं बेकसूर हूं इसलिए मैंने कभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी।

मैं जानता था कि मुझे एक दिन सम्मान के साथ रिहा किया जाएगा। बशीर कहते हैं कि उन्हे इस बात का दुख हमेशा रहेगा कि उनके पिता उन्हें घर लौटता देखने के लिए जिंदा नहीं हैं। बशीर के पिता गुलाम नबी की 2017 में कैंसर से मौत हो गई थी।

पत्रकार वसीम अकरम त्यागी के अनुसार “श्रीनगर के बशीर (44) को 2010 में उनकी कंपनी ने 15 दिन की कंप्यूटर ट्रेनिंग के लिए अहमदाबाद भेजा था, बस फिऱ क्या था वह मुसलमान तो था ही लेकिन क़िस्मत से कश्मीरी भी था,उसे गुजरात एटीएस ने “पेप्सी बॉम्बर” बता UAPA के तहत जेल में डाल दिया,अब वह 12 साल बाद बरी हुए है,क्या न्याय जीता?

Related posts

Leave a Comment