एक तरफ़ जहां पूरा देश गणतंत्र दिवस मना रहा था वहीं दूसरी तरफ़ बिहार का एक मुस्लिम परिवार पाकिस्तानी झंडा फहराने की झूठी अफ़वाह के कारण प्रताड़ित हो रहा था।
पूर्णिया ज़िले के तहत आने वाले मधुबनी टीओपी थाना क्षेत्र के सिपाही टोला इलाके में एक घर की छत पर इस्लामी झंडा लगा हुआ था जिसकी किसी ने वीडियो बना ली तथा सोशल मीडिया पर वॉयरल करते हुए लिखा गया कि, 26 जनवरी को पाकिस्तानी झंडा फहराया जा रहा हैं।
मैं मीडिया की ख़बर के मुताबिक़, जैसे ही यह ख़बर वायरल हुई तुरंत देश की सबसे बड़ी मीडिया एजेंसी ANI ने अपने हिंदी ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि, “पूर्णिया के मधुबनी सिपाही टोला इलाके में कथित तौर पर पाकिस्तान का झंडा फहराया गया।
हालांकि इसके एक घंटे बाद ही ANI ने मुख्य अग्रेजी ट्विटर हैंडल से भी ट्विट किया, पूर्णिया के मधुबनी सिपाही टोला इलाके में पाकिस्तानी झंडा फहराया गया. यानी एक घंटे बाद ही ANI ने खबर से “कथित” शब्द हटा लिया।
ANI द्वारा ट्विट करने के बाद यह ख़बर राष्ट्रीय स्तर पर वायरल हो गईं तथा आरोपियों के खिलाफ़ कार्यवाही की मांग भी शुरू हो गईं।
इस मामले पर पूर्णिया पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से इस फेंक न्यूज़ की सच्चाई उजागर करते हुए लिखा कि, आज दिनांक-26.01.2023 संध्या 17:30 बजे सूचना मिली कि मधुबनी टीओपी क्षेत्र में सिपाही टोला में एक व्यक्ति अपने छत के ऊपर किसी अन्य देश का झंडा लगाए हुए हैं। तत्पश्चात सूचना की जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि उक्त झंडा एक धार्मिक झंडा है जो करीब एक महीने से वहाँ पर लगाया हुआ है।
घर के मुखिया मुबारकुद्दीन का कहना हैं कि, झंडा मीलाद उन-नबी के मौके पर अक्टूबर में लगाया गया था, आज चार महीने बाद माहौल बिगाड़ने की नियत से किसी ने इसका वीडियो बना कर धर्म से जुड़े झंडे को पाकिस्तान का झंडा बता दिया।
इस पूरी घटना पर पुलिस और मीडिया जब हमारे घर पहुंची तो उस वक़्त महिला रेहाना घर पर अकेली थीं. मीडिया ने अजीबों गरीब सवाल कर उन्हें प्रताड़ित किया, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।