रामनवमी के दिन बिहार के कई जिलों में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद पुलिस की कार्यवाही पर लगातार सवाल खड़े हो रहें हैं, पुलिस पर बेकसूर मुसलमानों को भी गिरफ्तार करने का आरोप हैं।
नालंदा जिले के बिहारशरीफ कस्बे में स्थित मदरसा अजीजिया की आग बुझाने वाले मुस्लिम नौजवानों को भी बिहार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया हैं।
क्लेरियन इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़, जैसे ही मदरसे पर हमला हुआ और आग लगाई गईं तो कई मुस्लिम युवा आग बुझाने के लिए पुलिस और अधिकारियों की मदद करने गए तथा आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने घटना की जांच करने के नाम पर इनको ही गिरफ्तार कर लिया।
30 वर्षीय फ़ैयाज़ और 40 वर्षीय मेराज मदरसे की देखभाल करने वालों के साथ आग बुझाने में अपनी जान जोखिम में डालने वालों में से थे. लेकिन बाद में इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस पर मेराज के 13 वर्षीय बेटे रेहान को भी गिरफ्तार करने का आरोप हैं।
फैयाज के पिता मोहम्मद जमीर हैदर खान ने बताया कि, हमें मदरसे में आग लगने की सूचना मिली थी. मेरे दोनों बेटे फैयाज और मेराज आग पर काबू पाने में मदद करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे. लेकिन आधी रात को ही पुलिस सीढ़ी का उपयोग करके हमारे घर में घुस गई और फ़ैयाज़, मेराज और मुझे उठा कर ले गई।
बाद में उन्होंने मुझे जाने दिया और मेरे पोते रेहान को ले गए जो नाबालिग है और घर में सो रहा था। फैयाज और मेराज अब पुलिस हिरासत में हैं और रेहान को बाल सुधार केंद्र भेज दिया गया है।
जमीर ने महिला पुलिसकर्मियों पर उनके परिवार की महिलाओं को परेशान करने और डराने का भी आरोप लगाया हैं।
पुलिस अधिकारियों पर सैकड़ों मुस्लिम नाबालिगों और युवकों को मनमाने तरीके से गिरफ्तार करने का भी आरोप है।