रामनवमी के दिन भारत के कई राज्यों में हुई हिंसक घटनाओं की जमात ए इस्लामी हिंद (JIH) के नेतृत्व में सभी धर्म गुरुओं ने कड़ी निंदा करते हुए सभी लोगों से शांति, सौहार्द और सद्भाव बनाए रखने की संयुक्त अपील जारी की है।
संयुक्त बयान पर प्रो मोहम्मद सलीम इंजीनियर (जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष), श्री गोस्वामी सुशील महाराज (भारतीय सर्व धर्म संसद के संस्थापक), श्री ज्ञानी रंजीत सिंह (प्रमुख ग्रंथी गुरुद्वारा बंगला साहिब नई दिल्ली), फादर डॉ. एम.डी. थॉमस (इंस्टीट्यूट ऑफ हार्मनी एंड पीस स्टडीज के संस्थापक निदेशक), संत वीर सिंह हितकारी (अध्यक्ष अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन) ने हस्ताक्षर किए हैं।
सभी ने एक स्वर में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए इसके पीछे लोगों की मानसिकता को देश और समाज के लिए एक बड़ी चुनौती करार दिया है।
इन घटनाओं को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए सभी धर्म गुरुओं ने आगाह किया कि हिंसा की घटनाएं आपसी प्रेम और सद्भाव को नुकसान पहुंचा रही हैं और समाज और देश को कमजोर कर रही हैं।
संयुक्त बयान में कहा गया है, हिंसा के विभिन्न वीडियो क्लिप के माध्यम से यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि दंगाई और असामाजिक तत्व निडर होकर खुलेआम धार्मिक स्थलों को अपवित्र कर रहे थे और तोड़-फोड़ कर रहे थे, जबकि पुलिस और प्रशासन मूकदर्शक बने हुए देख रहे थे, हिंसा की ये घटनाएं अपने आप नहीं भड़की हैं बल्कि ये पूर्व नियोजित लगती हैं।
प्रशासन से शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए उचित और समय पर कदम उठाने की मांग करते हुए सभी ने सर्वसम्मति से अशांति और हिंसा फैलाने में शामिल किसी भी धर्म या समुदाय के सभी लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने भड़काऊ नारे लगाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई के अलावा किसी भी धर्म के धार्मिक जुलूसों में हथियार, लाठी और रॉड ले जाने से रोकने की मांग की।
उन्होंने मीडिया और पत्रकारों से अपील की हैं कि वे समाज में आपसी प्रेम और सद्भाव के माहौल को सुधारने में सकारात्मक भूमिका निभाएं और ऐसी घटनाओं को निष्पक्ष तरीके से कवर करें।
उन्होंने सभी धर्मों के लोगों से धार्मिक त्योहारों और जुलूसों के अवसर पर एक-दूसरे का सहयोग करने और एक-दूसरे के धार्मिक स्थलों का सम्मान करने की अपील करते हुए हर समाज के ईमानदार और जिम्मेदार व्यक्तियों और बुजुर्गों से आग्रह किया कि वे शरारती और असामाजिक तत्वों को नियंत्रण में रखने की कोशिश करें।
धर्मगुरुओं ने समाज के जिम्मेदार लोगों से आह्वान किया कि वे आपसी सौहार्द को बहाल करने की कोशिश करने के लिए आगे आएं और हाल ही में जहां भी हिंसा की घटनाएं हुई हैं, सामूहिक रूप से और सरकार की मदद से नुकसान की भरपाई के प्रयास करें।
धर्मों और मान्यताओं की विविधता भारतीय समाज की पहचान और ताकत है। आपसी सम्मान और सहयोग का वातावरण मजबूत होना चाहिए, जिससे हम अपने देश को प्रगति और समृद्धि के पथ पर अग्रसर कर सकें। हम सभी धर्मों के प्रतिनिधि देश में शांति और आपसी प्रेम के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।” बयान जोड़ा गया।