नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में संवैधानिक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने की सज़ा भुगत रहें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद को अदालत ने बड़ी राहत दी हैं।
पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पंकज शर्मा ने सोमवार को आदेश देते हुए कहा हैं कि उमर खालिद को हथकड़ी और बेड़ियों के बिना अदालत में पेश किया जाए।
पटियाला हाउस कोर्ट ने यह आदेश उमर खालिद के वकील त्रिदीप द्वारा दायर याचिका पर दिया है. अदालत ने कहा, जब कोविड-19 प्रतिबंध खत्म हो जाए तो उमर खालिद को हथकड़ी और बेड़ियों के बिना कोर्ट में पेश किया जाए।
आपको बता दे कि यह दूसरी बार है जब किसी अदालत ने यह आदेश जारी किया है कि उमर खालिद को हथकड़ी और बेड़ियों के बिना अदालत में पेश किया जाएं।
दिल्ली पुलिस ने अप्रैल में उमर खालिद और खालिद सैफी को हथकड़ी में जकड़कर कोर्ट में लाने के लिए एक याचिका दायर की थी. जिसको कड़कड़डूमा कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने खारिज कर दिया था।