ग़ाज़ा के लिए राहत सामग्री ले जा रही ग्लोबल सुमुड फ्लोटिला के समर्थन और भारत सरकार व इज़रायल के बीच हुए 3.9 अरब डॉलर के समझौते के विरोध में शनिवार को दिल्ली विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन के पास प्रदर्शन किया गया।
यह प्रदर्शन इंडियन पीपुल्स सॉलिडैरिटी फ़ॉर पलेस्टाइन (IPSP) और बीडीएस इंडिया की ओर से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्रों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने मानव श्रृंखला बनाकर फ़िलिस्तीन के साथ एकजुटता जताई और राहगीरों के बीच पर्चे बाँटकर ग़ाज़ा की मौजूदा स्थिति से अवगत कराया।
आयोजकों ने आरोप लगाया कि ज़ायनवादी इज़रायल ग़ाज़ा में राहत सामग्री पहुँचने से रोक रहा है, जिसके चलते सैकड़ों बच्चे और हज़ारों लोग भूख से तड़पकर मौत का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इज़रायल पत्रकारों को भी निशाना बनाकर अपनी करतूतों को छिपाने की कोशिश कर रहा है।
प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि जब पूरी दुनिया फ़िलिस्तीन के समर्थन में सड़कों पर उतर रही है, तब भारत की मौजूदा सरकार इज़रायल से व्यापारिक समझौते कर उसे मज़बूत कर रही है।
हाल ही में इज़रायली वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोट्रिच, जिस पर युद्ध अपराधों के आरोप हैं और जो कई देशों में प्रतिबंधित है, का भारत में स्वागत किया गया और उसी दौरान अरबों डॉलर का समझौता भी किया गया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अब समय है कि भारत की आम जनता ज़ायनवाद और फ़ासीवाद के गठजोड़ के खिलाफ एकजुट होकर आवाज़ बुलंद करे और फ़िलिस्तीनी जनता के संघर्ष में उनका साथ दे।