जामिया हिंसा मामले में साकेत कोर्ट से बरी हुए मुस्लिम नजवानों की रिहाई से दिल्ली पुलिस बैचेन हो गईं हैं तथा इनकी रिहाई को हाईकोर्ट में चुनौती देने पहुंची गई हैं।
दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट के फैसले के खिलाफ़ हाईकोर्ट में अपील की हैं जिसके कारण सभी मुस्लिम नौजवानों की मुश्किलें फिर से बढ़ सकती हैं।
आपको बता दें कि, जामिया हिंसा के मामले में साकेत कोर्ट ने शरजील इमाम, आसिफ़ इक़बाल तन्हा, सफूरा जरगर समेत 12 लोगों को बाइज़्ज़त बरी किया था
मुस्लिम नौजवानों को बरी करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस पर सख़्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि इस मामले में आरोपियों को बलि का बकरा बनाया गया हैं तथा दिल्ली पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत नहीं है।
यह दिसंबर 2019 का मामला हैं जब जामिया और उसके आसपास के इलाकों में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चल रहें थे इसी बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गईं जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी।
दिल्ली पुलिस ने इस हिंसा के लिए 12 लोगों को ज़िम्मेदार मानते हुए आरोपी बनाया था तथा इनके ऊपर आईपीसी की धारा 143, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 308, 427, 435, 323, 341, 120ठ और 34 के रहती एफआईआर दर्ज़ की थीं।
हालांकि बीती 4 फ़रवरी को कोर्ट ने इन सभी को बरी कर दिया था लेकीन अब निचली अदालत के फ़ैसले को चुनौती देने दिल्ली पुलिस हाईकोर्ट पहुंच गईं हैं।