इसराइल और फिलिस्तीन के बीच लगभग 33 दिनों से जंग ज़ारी हैं अब तक 10 हज़ार से अधिक फिलिस्तीनी बेकसूर मारे जा चुके हैं, पूरी दुनियां के मुसलमान फिलिस्तीन के हक़ में दुआएं मांग रहें हैं।
इसी बीच राजधानी दिल्ली से चौंकाने वाली खबर सामने आईं है, जानकारी के मुताबिक़ दिल्ली पुलिस ने मस्जिद के इमामों को फिलिस्तीन के हक़ में दुआ नहीं करने की चेतावनी दी हैं।
इंकलाब समाचार पत्र की रिपोर्ट के मुताबिक़, पुरानी दिल्ली की एक मस्जिद में जब फिलिस्तीन के लिए दुआ हो रहीं थी तभी पुलिस वहां पहुंच गईं और फिलिस्तीन का नाम नहीं लेने का दबाव बनाया।
इस मामले पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता कासिम रसूल इलियास का कहना है कि, एक तरफ़ हम दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र होने का दावा करते हैं जबकि दूसरी तरफ़ मजलूम के हक में दुआ करने पर भी पाबंदी लगाई जा रही हैं. दुआ तो बिलकुल शांति से होती हैं. पुलिस प्रशासन को दुआ पर रोक लगाने का कोई हक नहीं हैं।
पत्रकार शम्स तबरेज़ क़ासमी के मुताबिक़, दिल्ली पुलिस ने मस्जिद के इमामों को नोटिस जारी किया है कि वह नमाज में फलस्तीन के लिए दुआ ना करें, फलस्तीनियों के लिए दुआ करने पर कार्रवाई की धमकी भी दी गई है।
आखिर यह क्या हो रहा है भारत में जुल्म और अत्याचार को रोकने के लिए और मजलूमों के हक में दुआ करने पर भी पाबंदी लगाई जा रही है, एक तरफ भारत सरकार यूनाइटेड नेशन में इजरायल के खिलाफ वोट कर रही है और दूसरी तरफ पुलिस फिलिस्तीन का नाम लेने पर रोक लगा रही है।
अमेरिका इजरायल को सपोर्ट कर रहा है इसके बावजूद वहां धरना प्रदर्शन पर रोक नहीं है लेकिन भारत फलस्तीन के साथ है इसके बावजूद यहां धरना पर पहले से रोक है और अब दुआ करने पर भी पाबंदी लगाई जा रही है।