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दिल्ली विश्वविद्यालय के VC ने दिया विवादास्पद बयान, बोले- कैंपस में अर्बन नक्सलवाद फैल रहा है, छात्रों ने किया जोरदार प्रदर्शन

दिल्ली विश्वविद्यालय में आज छात्र संगठन AISA (ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन) के आह्वान पर बड़ी संख्या में छात्रों ने कुलपति योगेश सिंह के विवादास्पद बयान के खिलाफ़ जोरदार प्रदर्शन किया।

आरोप है कि कुलपति ने हाल ही में छात्र आंदोलनों और प्रगतिशील आवाज़ों, जैसे पिंजरा टोड और प्रोफेसर हैंनी बाबू, को “अर्बन नक्सल” कहकर संबोधित किया था।

छात्रों ने इस बयान को लोकतांत्रिक आंदोलनों को बदनाम करने की कोशिश बताया और कहा कि यह “शिक्षा संस्थानों में स्वतंत्र सोच, असहमति और लोकतांत्रिक संस्कृति पर हमला” है।

प्रदर्शन की शुरुआत गेट नंबर 4 से छात्र मार्ग (Chattra Marg) पर हुई, पुलिस की भारी तैनाती और विश्वविद्यालय गार्डों द्वारा रोकने के बावजूद, छात्र डटे रहे और अपनी बात बुलंद आवाज़ में रखी।

दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा अंजलि ने कहा,

“कुलपति का यह बयान न सिर्फ़ छात्रों के ख़िलाफ़ है बल्कि लोकतंत्र के भी ख़िलाफ़ है। छात्र आंदोलनों को ‘अर्बन नक्सल’ कहना सरकार के इशारे पर आलोचनात्मक आवाज़ों को कुचलने का प्रयास है।”

उन्होंने आगे कहा कि कुलपति का यह रवैया शिक्षा संस्थानों को शासन का उपकरण बनाने की कोशिश है, जबकि विश्वविद्यालय हमेशा से विचार, समानता और स्वतंत्रता की परंपरा का प्रतीक रहा है।

छात्र संगठन AISA ने अपने बयान में कहा कि —

“दिल्ली विश्वविद्यालय किसी एक कुलपति की जागीर नहीं है। यह देश के स्वतंत्रता संग्राम की जीवित विरासत है — साहस, समानता और सामूहिक प्रतिरोध की परंपरा — जिसे कोई भी तानाशाही प्रशासन मिटा नहीं सकता।”

छात्रों ने कुलपति से अपने बयान को वापस लेने की मांग की और कहा कि DU परिसर लोकतंत्र, असहमति और स्वतंत्र विचार का केंद्र बना रहेगा।

AISA दिल्ली विश्वविद्यालय ने साफ कहा कि वह विश्वविद्यालय के लोकतांत्रिक चरित्र और छात्र अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेगी।

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