महाराष्ट्र में अचानक हुई सियासी हलचल के बाद NCP नेता अजीत पवार अपने विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के गठबंधन में शामिल हो गए।
अजीत पवार ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री तथा उनकी पार्टी के सात विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी. आपको बता दें कि बीजेपी गठबंधन में शामिल होने वाले एनसीपी के ज्यादातर नेताओं के खिलाफ ईडी जांच कर रहीं हैं।
इस सियासी हलचल के बाद वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार का कहना है कि, ED ने जितने नेताओं को जेल नहीं भेजा, उससे ज़्यादा बीजेपी में भेज दिया, ED का नाम BJP रख देना चाहिए।
तब ख़बर ऐसे लिखी जाएगी, BJP ने अजित पवार पर केस किया, अजित पवार BJP में आ गए, उन्हें ED जाकर BJP में आने की ज़रूरत नहीं पड़ी, ED ही गारंटी है, ED ही वारंटी है, ED ही अंकल है, ED ही आंटी है।
अगर ED का नाम BJP नहीं हो सकता तो BJP का नाम ED कर देना चाहिए, यह मेरा फ़ार्मूला नहीं है, उस जर्मन प्रोफ़ेसर का है जिसने योगी जी को फ़्रांस भेजने की माँग की थी।
खुद फ़रीदाबाद में जा छिप गया है या फ़िरोज़ाबाद में, आप पता लगाते रहें, ED भी एक तरह से जर्मन प्रोफ़ेसर की तरह लगती है, जिसका असली नाम BJP है, उस प्रोफ़ेसर का असली नाम क्या था?